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कोयले की कमी को तत्काल पूरा करने की कवायद , 24 मई तक लगभग 1100 ट्रेनों को किया गया रद्द

कोयला संकट

AINS…देश के विभिन्न राज्यों में गहराए कोयला संकट के निपटने के लिए केंद्र सरकार की ओर से लगातार कदम उठाए जा रहे हैं। इस क्रम में सरकार ने राज्यों में कोयला रैक के परिवहन के लिए बड़ी संख्या में ट्रेनों को रद्द करने का फैसला किया है। इसके तहत 24 मई तक लगभग 1100 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है। ये बड़ी कवायद कोयले की कमी को तत्काल पूरा करने की कवायद है।

थर्मल पावर प्लांटों पर कोयले की कमी के चलते देश के कई राज्यों यूपी से पंजाब तक और जम्मू कश्मीर से चेन्नई तक हर ओर बिजली संकट गहरा गया है। जबकि गर्मी लगातार अपने रिकॉर्ड तोड़ रही है। बिजली का मांग में जोरदार इजाफा हुआ है, लेकिन आपूर्ति नहीं हो पा रही है। इसके लिए बड़ी वजह कोयले की कमी को बताया जा रहा है। बीते दिनों केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने भी कहा था कि कई राज्यों में कोयले की कमी है, उन्होंने इसके लिए रूस-यूक्रेन युद्ध को कारण बताया था।

गौरतलब है कि 24 मई तक रद्द की गईं ट्रेनों में एक्सप्रेसव, मेल और पैसेंजर ट्रेनें शामिल हैं। हालांकि, सरकार के इस कदम से यात्रियों को परेशानी हो सकती है। लेकिन, देश में गहराए गंभीर बिजली संकट से निपटने में सरकार का यह कदम राहत देने वाला साबित हो सकता है। यहां बता दें कि बीते दिनों भी सरकार ने राज्यों में कोयले की रैक पहुंचाने के लिए कई ट्रेनों को रद्द किया था।

कई राज्यों में जनता का हाल-बेहाल

पहले देश में बिजली कटौती के हालातों पर एक नजर डाल लेते हैं। हालात ये हैं कि देश के 16 राज्यों में कोयले की कमी के कारण हो रही बिजली कटौती से बुरा हाल है। उत्तर और मध्य भारत में अभूतपूर्व गर्मी के कारण बिजली की मांग रिकॉर्ड 2.14 लाख मेगावाट के करीब पहुंच गई है। इस बीच बिजली उत्पादन संयंत्रों में कोयले की कमी के कारण मांग के मुकाबले आपूर्ति में जोरदार कमी दर्ज की गई है। यूपी, दिल्ली, बिहार, हरियाणा, झारखंड, मध्य प्रदेश, राजस्थान के अलावा जम्मू-कश्मीर से लेकर आंध्र प्रदेश तक उपभोक्ताओं को 2 से लेकर 10 घंटे तक की अघोषित बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है।

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