40 रुपए सस्ता हुआ सरसों का तेल, सोयाबीन-मूंगफली तेल के भाव में भी भारी गिरावट
कीमतों में गिरावट होने से आम जनता को महंगाई से बड़ी राहत मिली है।
AINS DESK…पेट्रोल-डीजल के दामों में कमी आने के बाद अब खाद्य तेल की कीमतों में कमी हो रही है। दूसरी ओर विदेशी बाजारों में खाद्य तेलों कीमतों में तेजी का दौर जारी है। वहीं अब कीमतों में गिरावट होने से आम जनता को महंगाई से बड़ी राहत मिली है।
बाजार सूत्रों की माने तो पिछले सप्ताह के मुकाबले बीते सप्ताह सरसों दाने का भाव 100 रुपए टूटकर 7,515-7,565 रुपए प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। जबकि सरसों दादरी तेल 250 रुपए टूटकर 15,050 रुपए क्विंटल पर बंद हुआ। वहीं, सरसों पक्की घानी और कच्ची घानी तेल की कीमतें भी क्रमश: 40-40 रुपये की नुकसान के साथ क्रमश: 2,365-2,445 रुपये और 2,405-2,515 रुपये टिन (15 किलो) पर बंद हुईं।
सोयाबीन का भाव 400 रुपए टूटा आपको यह जानकार राहत मिलेगी कि सोयाबीन के भाव 400 रुपए टूटा है। राजधानी दिल्ली में कीमतों में बदलाव से सोयाबीन 16,650 रुपए में बिका। इधन अन्य शहरों में सोयाबीन के दाम इंदौर में 500 रुपए की गिरावट 16,000 रुपए और सोयाबीन डीगम का भाव 300 रुपए की गिरावट के साथ 15,250 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।
मूंगफली तेल 200 रुपये सस्ता
बीते सप्ताह के बंद भाव के मुकाबले मूंगफली तेल-तिलहन के भाव भी नुकसान पर बंद हुए। मूंगफली दाना 125 रुपये, मूंगफली तेल गुजरात 200 रुपये की गिरावट के साथ क्रमश: 6,710-6,845 रुपये और 15,650 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड का भाव भी 25 रुपये टूटकर 2,625-2,815 रुपये प्रति टिन पर बंद हुआ।
सबसे अधिक दबाव सरसों पर
बाजार सूत्रों ने कहा कि इंडोनेशिया द्वारा निर्यात खोले जाने के बाद विदेशों में सूरजमुखी को छोड़कर सोयाबीन, पामोलीन तेलों के दाम में लगभग 100 डॉलर की कमी हुई है। ऊंचे दाम पर देश में आयात घटा है और स्थानीय मांग की पूर्ति देशी तेल (सोयाबीन, मूंगफली, बिनौला और सरसों) से की जा रही है। इसमें सबसे अधिक दबाव सरसों पर है, जो आयातित तेलों से कहीं सस्ता बैठता है। आयातित तेलों की मांग भी नहीं के बराबर है जिससे पिछले साल के मुकाबले इस बार अप्रैल में आयात लगभग 13 प्रतिशत घटा है।