छत्तीसगढ़

हसदेव में पेड़ों की कटाई का विरोध, किसान सभा कार्यकर्ता भी पहुंचे ग्रामीणों के समर्थन में

किसान सभा ने सभी मुद्दों और विवादों के निपटारे तक इस क्षेत्र में पूरी खनन प्रक्रिया को भी रोकने की मांग की है।

AINS DESK…छत्तीसगढ़ किसान सभा ने पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के संरक्षण में हसदेव अरण्य क्षेत्र में पेड़ों की कटाई किये जाने की निंदा की है और कहा है कि इससे कांग्रेस-भाजपा दोनों की कॉर्पोरेटपरस्ती और अडानी-भक्ति उजागर हो गई है। किसान सभा ने पुलिस का सहारा लेकर हसदेव अरण्य क्षेत्र के स्थानीय नागरिकों और आंदोलनकारियों में दहशत और भय पैदा करने की भी तीखी निंदा की है। किसान सभा ने सभी मुद्दों और विवादों के निपटारे तक इस क्षेत्र में पूरी खनन प्रक्रिया को भी रोकने की मांग की है।

आज यहां जारी एक बयान में छग किसान सभा के अध्यक्ष संजय पराते व महासचिव ऋषि गुप्ता ने बताया कि सुनियोजित तरीके से भारी पुलिस बल की उपस्थिति में आज सुबह से ही फिर से पेड़ों की अवैध रूप से कटाई शुरू हो गई थी, जिसका वहां के स्थानीय ग्रामीणों ने जमकर विरोध किया। इस कटाई की खबर फैलते ही छत्तीसगढ़ किसान सभा के कार्यकर्ता भी ग्रामीणों के समर्थन में वहां पहुंच गए। इस भारी विरोध के मद्देनजर प्रशासन को फिलहाल कटाई रोकने पर मजबूर होना पड़ा है।

कोरबा से किसान सभा के नेता जवाहर सिंह कंवर, प्रशांत झा, दीपक साहू, जय कौशिक, दामोदर श्याम और जनवादी नौजवान सभा के नेता के नेतृत्व में पहुंचे जत्थे ने आंदोलन स्थल पर हसदेव के ग्रामीणों के आंदोलन का समर्थन किया तथा उनके साथ एकजुटता व्यक्त करते हुये कोरबा के गांव-गांव में अभियान चलाने की घोषणा की है। उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ किसान सभा ने 5 जून को हसदेव और सिलगेर के आंदोलन के साथ पूरे प्रदेश में एकजुटता कार्यवाही करने का फैसला लिया है

अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्ला तथा संयुक्त सचिव बादल सरोज ने भी सरकार की इस अडानी-भक्ति की तीखी निंदा की है तथा हसदेव अरण्य क्षेत्र में पर्यावरण व जैव-विविधता को बर्बाद कर और आदिवासियों को उजाड़कर कोयला खनन की स्वीकृति देने का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि आदिवासियों के संवैधानिक अधिकारों और कानूनों को कुचलकर और ग्राम सभा के नाम पर फर्जीवाड़ा करके खनन किया जाएगा, तो इसके खिलाफ प्रतिरोध आंदोलन भी खड़ा किया जाएगा। किसान सभा नेताओं ने कहा कि कोयला जैसे प्राकृतिक संपदा की लूट के लिए कोयले की कमी और बिजली संकट खड़ा किया जा रहा है। सरकार के इन मंसूबों के खिलाफ रायपुर में प्रदेश के सभी संवेदनशील नागरिकों और संगठनों का साझा सम्मेलन आयोजित करने की भी उन्होंने घोषणा की है।

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