छत्तीसगढ़

CG News: नुपूर शर्मा विवाद पर जगन्नाथपुरी के पीठाधीश्वर स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कही ये बात*

उन्होंने कहा कि साढ़े 3 साल में भारत हिंदू राष्ट्र घोषित हो जाएगा.

रायपुर: गोवर्धन मठ जगन्नाथपुरी के पीठाधीश्वर जगत गुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती महाराज छत्तीसगढ़ दौरे पर हैं. श्री बालाजी हॉस्पिटल (मोवा) के संचालक डॉ देवेंद्र नायक के घर आयोजित पत्रकारवार्ता में स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने नुपूर शर्मा विवाद को लेकर बड़ी बात कही. शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने इसके अलावा एक और बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि साढ़े 3 साल में भारत हिंदू राष्ट्र घोषित हो जाएगा.

नुपूर शर्मा विवाद को लेकर उन्होंने कहा कि कब किसी को क्या कहने चाहिए ये समझदारी होनी चाहिए. स्वामी निश्चलानंद का कहना था कि यदि द्रौपदी ने दुर्योधन को अंधे का बेटा अंधा न कहा होता तो शायद महाभारत न होती. लेकिन उनके इस एक शब्द के कारण महाभारत हुई.

इसी संदर्भ को उन्होंने नुपूर शर्मा विवाद से जोड़ा. हालांकि इसके बाद उन्होंने हंसते हुए ये भी कह दिया कि शायद इस युग में महाभारत की जरूरत हो ? लेकिन उन्होंने नुपूर शर्मा के बयान को सही नहीं ठहराया.

साईं बाबा को लेकर कही ये बात

एक सवाल के जवाब में स्वामी निश्चलानंद ने कहा कि साईं बाबा के नाम पर मंदिरों से देवी देवताओं की प्रतिमा को किनारे करके साईं बाबा को मुख्य स्थान देना गलत है. कोई किसी भी कुल में पैदा हुआ हो, उसके कुल की जानकारी देनी चाहिए. छुपाने से क्या मतलब है, यह तो भक्तों के साथ धोखा है.

मेरे मठ में कैसेट पर नहीं बजता लाउडस्पीकर

पूरे देश में चल रहे लाउडस्पीकर विवाद पर स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि उनके पुरी मठ में कभी कैसेट पर कोई भजन नहीं बजता. उनका कहना था कि उन्होंने ये आदेश दिए हुआ है कि जब भी वे मठ में न हो, वहां कैसेट पर कोई भजन न बजाएं. वहां माईक का उपयोग तभी हो जब वे मठ में हो और उन्हें कोई पूजा-पाठ करनी हो या उपदेश देना हो.

कवासी लखमा से कही ये बात

इस दौरान वहां मंत्री कवासी लखमा, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह भी मौजूद थे. पत्रकारवार्ता के बाद मंत्री लखमा आशीर्वाद लेकर बाहर निकले. तभी स्वामी निश्चलानंद के साथ आए अन्य आचार्यों ने दौड़ते हुए पुनः लखमा को बुलाया और कहा कि शंकराचार्य जी बुला रहे है. इस दौरान शंकराचार्य के साथ मौजूद प्रमुख आचार्य ने मंत्री लखमा से कहा कि शंकराचार्य जी बस्तर क्षेत्र में एक भव्य कार्यक्रम करना चाहते है. इसके लिए उन्होंने एक प्रारूप बनाने का भी निवेदन किया.

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