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Heart Attack: कोलेस्ट्रॉल अगर नॉर्मल है तब भी आ सकता है हार्ट अटैक, डॉक्टर से जानें इससे बचाव के तरीके

कोरोना महामारी (Corona Pandemic) के बाद से हार्ट डिजीज (Heart Diseases) के मामले काफी बढ़ गए हैं. कम उम्र में ही हार्ट अटैकहो रहा है.

Heart Attack: कई मामलों मे मौत भी हो रही है. दिल की बीमारियां होने का कारण खराब लाइफस्टाइल और गलत खानपान को माना जाता है. कई बार पहले अटैक में ही मौत हो जाती है. हालांकि अब हार्ट की बीमारी को लेकर लोग जागरूक हुए हैं और वे अपने टेस्ट कराते हैं. इसके लिए अधिकतर लोग कोलेस्ट्रॉल की जांच कराते हैं.

अगर इसमें बैड कोलेस्टॉल का लेवल ज्यादा होता है, तो ये हार्ट की बीमारी का संकेत होता है और हार्ट अटैक भी आने का भी खतरा रहा है. ऐसे में लोग सावधानी बरतने लगते हैं. वहीं,अगर कोलेस्टॉल का लेवल नॉर्मल होता है तो लोग ये मानते हैं कि उनको दिल की बीमारी नहीं है, लेकिन ऐसा नहीं है.

डॉक्टरों का कहना है कि हार्ट की बीमारी कई अन्य कारणों पर भी निर्भर करती है. जिससे अटैक आ सकता है.आइए डॉक्टर्स डे के मौके पर एक्सपर्ट से दिल की बीमारियों के बारे में जानते हैं.इंडो यूरोपियन हेल्थ केयर के डॉयरेक्टर डॉ. चिन्मय गुप्ता Tv9 से बातचीत में बताते हैं कि कुछ केस ऐसे भी आते हैं जहां कोलेस्ट्रॉल लेवल नॉर्मल है, लेकिन फिर भी हार्ट की आर्टरी में ब्लॉकेज मिलता है, जिससे बाद मेंअटैक आने का खतरा रहता है.

डॉ. के मुताबिक, कई लोग हार्ट की जांच के लिए ईसीजी टेस्ट (ECG) भी कराते हैं, लेकिन ईसीजी तभी खराब आता है, जब हार्ट अटैक आ रहा हो या हो चुका हो. अगर सामान्य स्थिति में ईसीजी कराते हैं तो ये हार्ट की बीमारी के बारे में जानकारी नहीं दे पाता है. कई बार हार्ट में 60 फीसदी ब्लॉकेज होने पर भी ईसीजी नॉर्मल ही होता है. ऐसे में लोग सोचते हैं कि उनको हार्ट की बीमारी का खतरा नहीं है.

इससे बचाव के लिए जरूरी है कि इन दो टेस्ट के अलावा ब्लड टेस्ट, लिपिड प्रोफाइल टेस्ट, बीपी टेस्ट और कोरोनरी सीटी एनजीओ टेस्ट भी कराएं. इसके अलावा Treadmill test करा सकते हैं. इससे हार्ट की ब्लॉकेज का पता चल जाता है. इन टेस्ट को कराने से हार्ट की बीमारियों की सही जानकारी मिल जाती है और डॉक्टर उसके हिसाब से इलाज कर सकते हैं.

फिट लोगों को भी क्यों आ रहा है हार्ट अटैक

पिछले कुछ महीनों में देखा गया है कि फिट दिखने और खानपान का ध्यान रखने वाले लोगों को भी हार्ट अटैक आ रहा है. लेकिन ऐसा क्यों हो रहा है?इस सवाल के जवाब में डॉ. चिन्मय बताते हैं कि हार्ट अटैक आने के कई दूसरे कारण भी होते हैं. कई बार फैमली हिस्ट्री की वजह से भी अटैक आ सकता है. उदाहरण के तौर पर अगर किसी व्यक्ति के पिता को हार्ट की बीमारी है तो ये उससे बच्चे में भी जा सकती है. जो लोग धूम्रपान और शराब का सेवन करते हैं उनको भी हार्ट की बीमारियां होती हैं. जो लोग बॉडी बनाने के लिए स्टेरॉयड लेते हैं. उनको भी दिल की बीमारियों का खतरा रहता है .स्ट्रेस की वजह से भी अटैक हो सकता है. इसलिए ऐसा होता है कि कुछ लोग हमें बाहर से फिट दिखते हैं, लेकिन कारणों की वजह से उनको हार्ट अटैक आ जाता है.

लक्षणों की जानकारी होना जरूरी

डॉ. गुप्ता बताते हैं कि देश में 50 फीसदी मरीज हार्ट अटैक के बाद अस्पताल नहीं पहुंच पाते हैं और रास्ते में ही मौत हो जाती है. एक बड़ा कारण यह भी है कि लोगों में हार्ट अटैक के लक्षणों को लेकर जागरूकता की कमी है. इसके लिए हार्ट अटैक के लक्षणों की सही पहचान और जानकारी होना जरूरी है.

इन लक्षणों पर जरूर दें ध्यान

छाती में दर्द होना

बाएं कंधे और हाथों में दर्द

अचानक से पसीना आना

जबड़े में दर्द होना

कमर में दर्द

बैचेनी होना

एसिडिटी और हार्ट अटैक में करें अंतर

डॉ. चिन्मय के मुताबिक, कुछ लोग छाती में दर्द को एसिडिटी भी समझ लेते हैं, लेकिन ऐसा होने पर लापरवाही नहीं करनी चाहिए. डॉ. के मुताबिक, एसिडिटी में घबराहट नहीं होती और पसीना नहीं आता, जबड़े और बाएं हाथ में दर्द नहीं होता, इसमें सिर्फ जलन होती है. अगर छाती में दर्द हो रहा है और गैस की दवा लेने के बाद भी आराम नहीं मिल रहा है तो तुरंत अस्पताल जाना चाहिए. इससे हार्ट अटैक के खतरे को कम किया जा सकता है.

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