छत्तीसगढ़

पहली बार…माता को चढ़ा दस हजार गुपचुप का भोग, जानिए कहाँ हुआ ऐसा

देवी मां को 10 हजार से अधिक गुपचुप भोग के रूप में चढ़ाया गया है और माता का दर्शन करने आए भक्तों को गुपचुप प्रसाद के रूप में खिलाया गया.

AINS RAIPUR..छप्पन भोग लगाया जाता है भगवान कृष्ण को, गणेश जी हो या माता हो, सबको छप्पन भोग ही लगाया जाता है. कभी सुना है दुर्गा पूजा में लगाया गया ‘पानीपुरी भोग’! नहीं सुना, तो आज हम आपको बताते हैं यह कारनामा कहां हुआ है. भारत सहित छत्तीसगढ़ में भी इस साल बड़े धूमधाम से दुर्गा उत्सव मनाया जा रहा है.

एक नाश्ता या खाने की अद्भुत चीज है जिसे बड़े चाव से खाया जाता है. लड़कियां इसको खाने के लिए बदनाम है लेकिन इसे लड़के, बूढ़े या जवान जिसे खाने का मौका मिले वह पीछे नहीं हटते. देशभर में अलग-अलग नाम से इसे जाना जाता है. कहीं पानीपुरी कहा जाता है तो कहीं गोलगप्पा और पुचका पुकारा जाता है.

भगवान भक्त के प्रेम में सब कुछ करते है वहीं भक्त भगवान को वो सब कुछ अर्पित करते हैं जो वो खाते हैं या जो उन्हें पसंद है. माता के भक्तों को कोरोना काल बाद बिना कोई प्रतिबंध के दुर्गा उत्सव मनाने का मौका मिला है. इस वजह से हर दुर्गा उत्सव समिति कुछ खास तरह से आयोजन कर रही है. रायपुर में एक दुर्गा उत्सव समिति की एक अनोखी पहल चर्चा का केंद्र बनी हुई है. देवी मां को 10 हजार से अधिक गुपचुप भोग के रूप में चढ़ाया गया है और माता का दर्शन करने आए भक्तों को गुपचुप प्रसाद के रूप में खिलाया गया.

प्रसाद के रूप में मिला पानीपुरी

यह खबर सुनने में अटपटी और चटपटी दोनों है. अक्सर आपने देखा होगा कि देवी मां को प्रसाद के रूप में खिचड़ी, हलवा और खीर समेत कई तरह की मिठाइयां चढ़ाई जाती हैं. लेकिन रायपुर में पहली बार गुपचुप का भोग माता को चढ़ाया गया है. आयोजन रायपुर भनपुरी के श्री कच्छ क्षत्रिय समाज की तरफ से किया जा रहा है. श्री कच्छ क्षत्रिय समाज ने गरबा का भी आयोजन किया है. हजारों की संख्या में गरबा खेलने वाले श्रद्धालु आ रहे हैं. क्षत्रिय समाज के युवा मंडल अध्यक्ष पंकज सोलंकी ने बताया कि माता बहनों को गुपचुप बहुत पसंद है. इसलिए समाज ने फैसला किया है कि इस बार प्रसाद के रूप में 10 हजार गुपचुप चढ़ाया जाएगा.

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