छत्तीसगढ़

दंतेवाड़ा की फागुन मड़ई भी पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है, फाल्गुन मड़ई में आए देवी-देवताओं के विदाई समारोह में पहली बार शामिल हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री

मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ कि शुरुआत भी दंतेवाडा से किया साथ ही जगदलपुर के हवाई अड्डे का नाम भी माई दन्तेश्वरी के नाम रखा है

ains dantewada…छत्तीसगढ़ के मुखिया भूपेश बघेल अपने एक दिवसीय प्रवास पर माई दन्तेश्वरी के दरबार पहुँचें, जहाँ इस वर्ष फ़ागुन मंडई पहुँचें विभिन्न ग्रामो से आमंत्रित देवी देवताओं का विदाई कार्यक्रम मे शामिल होकर विभिन्न समाज के लोगों से खास मुलाकात भी किया , फाल्गुन मड़ई में आए देवी-देवताओं के विदाई समारोह में पहली बार शामिल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने यहां ओड़ीसा, तेलंगाना सहित बस्तर के 851 देवी देवताओं की विदाई को अदभुत बताया। उन्होंने कहा कि बस्तर की संस्कृति के कई रंग हैं, जगदलपुर का दशहरा के समान दंतेवाड़ा की फागुन मड़ई भी पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है।

मुख्यमंत्री मे अपने भाषण मे कहा कि हम प्रदेश के विकास के लिए किसी भी योजना को चिन्हित करते है तो उसकी शुरुआत दंतेवाडा जिले से करते है, हमने प्रदेश के कुपोषण से लड़ने के लिए भी शुरुआत दंतेवाडा से किया, मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ कि शुरुआत भी दंतेवाडा से किया साथ ही जगदलपुर के हवाई अड्डे का नाम भी माई दन्तेश्वरी के नाम रखा है, यहां से एक शक्ति मिलती है किससे हम कार्य संभव हो जाता है, मुख्यमंत्री ने गीदम में बनने वाले मेडिकल कॉलेज का नामकरण मां दंतेश्वरी के नाम पर करने, गीदम को नए राजस्व अनुभाग का दर्जा देने और शंखनी-डंखनी नदी में पर्यटन के लिए रिवर फ्रंट व्यू पॉइंट का निर्माण करने की घोषणा की।

 

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