आदिवासी नहीं, फर्जी आदिवासी हैं भाजपा प्रत्याशी नीलकंठ टेकाम- सगीर कुरैशी
जाति प्रमाण पत्र की जांच के लिए खटखटाएंगे हाई कोर्ट का दरवाजा
AINS NEWS 24X7 केशकाल….. विधानसभा चुनाव 2023 को लेकर कांग्रेस व भाजपा दोनों ही प्रमुख राजनीतिक दलों ने अपने अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। कांग्रेस की ओर से लगातार दो बार विधायक रह चुके संतराम नेताम को तीसरी बार टिकट मिली है। वहीं कोंडागांव जिले के पूर्व कलेक्टर नीलकंठ टेकाम को भाजपा ने मैदान में उतारा है। इधर चुनावी तिथियां नजदीक आते ही कांग्रेस व भाजपा के बीच आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला भी शुरू हो गया है। केशकाल विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी संतराम नेताम के निर्वाचन अभिकर्ता सगीर अहमद कुरैशी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए भाजपा प्रत्याशी नीलकंठ टेकाम पर फर्जी आदिवासी होने एवं जाती प्रमाण पत्र सन्देहास्पद होने का आरोप लगाया है।
जानिए क्या है पूरा मामला-
इस प्रेस विज्ञप्ति में सगीर अहमद कुरैशी ने बताया है कि भाजपा ने केशकाल विधानसभा की आरक्षित सीट से नीलकंठ टेकाम को अपना प्रत्याशी घोषित जरूर कर दिया है। लेकिन उन्होंने नीलकंठ टेकाम के जाति प्रमाण पत्र की जांच तक नहीं करवाई है। दरअसल नीलकंठ टेकाम के द्वारा प्रस्तुत किया गया जाति प्रमाण पत्र पूर्णतः सन्देहास्पद है। क्योंकि उनके जाति प्रमाण पत्र बनवाने में विधिक प्रक्रिया का सही ढंग से पालन नहीं किया गया है। उनके जाति प्रमाण पत्र में गोंड जनजाति का होना उल्लेख किया गया है। किंतु उनकी वंशावली, पूर्वजों के राजस्व अभिलेख की बारीकी से जांच किये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि उनके जाति प्रमाण पत्र के दस्तावेजों में टेकाम की जगह पर टीकाम उल्लेखित है। साथ ही नीलकंठ टेकाम के दादा सीताराम के पास गोंड़ जनजाति का प्रमाण पत्र भी नहीं है।
हाई कोर्ट की शरण मे जाएंगे-
विधायक संतराम के निर्वाचन अभिकर्ता सगीर अहमद कुरैशी ने इन सभी बिंदुओं के आधार पर शनिवार को अधिवक्ता मोहन राव मूर्ति के साथ निर्वाचन अधिकारी के समक्ष दावा आपत्ति पेश किया। जिला निर्वाचन अधिकारी ने इस मामले पर आपत्ति हेतु उच्च न्यायालय की शरण लेने का सुझाव दिया है। अब सगीर अहमद कुरैशी का कहना है कि फर्जी जाति और फर्जी गोंड़ जनजाति का बताकर जनता के साथ धोखा करने का प्रयास कर रहे नीलकंठ टेकाम के खिलाफ हम माननीय उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे। ऐसे व्यक्ति को भाजपा ने स्वीकार कर के प्रत्याशी जरूर घोषित कर दिया है। लेकिन केशकाल की जनता ऐसे फर्जी लोगों को कभी स्वीकार नहीं करेगी। जल्द ही नीलकंठ टेकाम की असलियत भी जनता के सामने आ जाएगी।
अब देखना होगा कि कांग्रेस द्वारा लगाए जा रहे इन आरोप में कितनी सत्यता है। और यदि ये तथ्य सच साबित होते हैं तो क्या केशकाल की जनता तथा खास तौर पर आदिवासी समाज नीलकंठ टेकाम को स्वीकार करेगी या नहीं यह जनचर्चा का विषय बना हुआ है।