कांग्रेस 500 रु प्रतिमाह और 4 गैस सिलेंडर मुफ्त देने का वादा करके भूल गई तब कहां थे – पूर्व विधायक रंजना साहू
नेता प्रतिपक्ष ये तेवर कांग्रेस सरकार में दिखाते तो शायद कांग्रेस को ये दिन देखने न पड़ते : रंजना साहू
AINS NEWS 24X7 रायपुर… भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश प्रवक्ता व पूर्व विधायक रंजना साहू ने कांग्रेस द्वारा नवनियुक्त नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत पर करारा पलटवार करते हुए कहा है कि भाजपा की सरकार पर वादे न निभाने, नक्सलवाद बढ़ने और नारायणपुर में किसान की आत्महत्या के मामले में कम-से-कम वे तो प्रलाप करके राजनीतिक बयानबाज़ी न दें। श्रीमती साहू ने कहा कि डॉ. महंत कुछ भी कहने से पहले अपनी कांग्रेस सरकार की वादाखिलाफी और कुशासन को याद रखें तो ज्यादा बेहतर होगा।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता और पूर्व विधायक श्रीमती साहू ने महतारी वंदन योजना के तहत महिलाओं को 12 हजार रुपए सालाना नहीं दिए जाने के नेता प्रतिपक्ष महंत के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि पांच साल सत्ता में रहते कांग्रेस ने महिलाओं को 500 रुपए क्यों नहीं दिए? विधवा निराश्रित पेंशन की कितनी किश्तें कांग्रेस सरकार ने वादे के मुताबिक जमा कीं? पूर्ण शराबबंदी के नाम पर गंगाजल की सौगंध खाने वालों को महिलाओं के साथ की गई विश्वासघात की पराकाष्ठा को नहीं भूलना चाहिए । पाँच साल सरकार में रहकर वादाखिलाफी करने वाले भाजपा की पांच दिन की उस सरकार पर तानाकशी करने की नादानी कतई न करें, जिसने सत्ता सम्हालते ही प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत करके 18 लाख गरीब परिवारों के चेहरों पर विश्वास की रौनक ला दी है और 25 दिसंबर को ‘सुशासन दिवस’ पर किसानों को दो साल के बकाया बोनस के भुगतान की घोषणा कर दी है। श्रीमती साहू ने कहा कि पराजय के बाद कांग्रेसी इतने विचलित हो गए हैं कि भाजपा सरकार द्वारा ‘मोदी की गारंटी पर सक्रिय क्रियान्वयन से घबराकर बेवजह के बयान न दे।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता व पूर्व विधायक – श्रीमती साहू ने डॉ. महंत के उस कथन को भी आड़े हाथों लिया, जिसमें भाजपा सरकार के आते ही नक्सलवाद बढ़ने की बात कही गई है। श्रीमती साहू ने नक्सलवाद के नासूर को कांग्रेसी कुशासन का कलंकित अध्याय बताते हुए कहा कि काँग्रेस शासन में एक तरफ अपराधों की नित-नई कलंक गाथाएं लिखी जा रही थीं, वहीं दूसरी ओर नक्सलवादी खून की नदियाँ बहा रहे थे। नक्सलियों की धमकी से दुबकी बैठी भूपेश बघेल की सरकार शहीद जवानों का अंतिम संस्कार तक उनके गांवों में नहीं करा पा रही थी। इससे अधिक शर्मनाक और क्या हो सकता है ? श्रीमती साहू ने कहा कि नारायणपुर में एक किसान की आत्महत्या कांग्रेसी कुशासन की एक मिसाल है। पांच साल तक कर्ज माफी के ढिंढोरची बने फिरते रहे कांग्रेसी पहले यह बताएं कि कर्जमाफी और किसानों की बेहतरी के दावों के बाद भी किसान कर्ज में डूबकर आत्महत्या के लिए विवश क्यों हुआ? मतलब साफ है कि कर्जमाफी के ढोल में पोल थी और किसानों की कर्जमाफी के नाम पर कपट किया गया।