छत्तीसगढ़

फिजियोथेरेपी तुमचो दुवार द्वारा सीआरपीएफ जवानों को फिजिकल फिटनेस एवं शारीरिक गतिविधियों संबंधित दी गई जानकारी

188 बटालियन सीआरपीएफ जोबा कैम्प में लगाया गया शिविर

AINS NEWS कोण्डागांव….. पैलिटिव केयर फिजियोथेरेपी तुमचो दुवार की टीम द्वारा 188 बटालियन सीआरपीएफ कैम्प जोबा में सीबीआर (कम्युनिटी बेस्ड रिहैबिलिटेशन) एक्टिविटी के दौरान जवानों में तनाव के कारण आये दिन आ रही मांसपेशियों समस्याओं से निजात पाने एवं होने वाली समस्याओं से बचने हेतु कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में फिजियोथेरेपिस्ट के द्वारा जवानों को अवगत कराया गया की मानसिक तनाव का कैसे फिजिकल फिटनेश पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है और हम इस वजह से कैसे मांशपेशियों की ऐठन की समस्या से ग्रसित हो जाते है। इस दौरान जवानो को जानकारी दी गई कि उन्हें ड्यूटी के दौरान एवं रोजाना की दिनचर्या के दौरान महत्वपूर्ण शारीरिक गतिविधियां करने एवं शारीरिक एवं मानसिक तनाव के कारण मांसपेशियों एवं जोड़ो मे ऐठन की समस्याओं से स्वयं को बचाया जा सके। इस दौरान जवानों को बताया गया कि कोई भी शरीरिक गतिविधि शुरु करने से पूर्व वार्मअप एक्सरसाइज एवं स्ट्रेचिंग अति आवश्यक है एवं शारीरिक गतिविधि ख़त्म करके विराम करने से पूर्व कूल डाउन एक्सरसाइज़् अति आवश्यक है। जिससे कि हमारे शरीर मे ब्लड एवं तांत्रिका तंत्र का संचार अनुकूलित हो सके और शरीर की मांशपेशियों, नसों एवं नाड़ियों को किसी प्रकार कि क्षति ना हो।
इस दौरान जिन जवानों को शारीरिक समस्याएं जैसे सीटीका, फ्रोजन सोल्डर, सर्वाईकल स्पांडलाईटिस, हेमीपेरिसिस, टेनोसिनोंविटिस, एलबीपी का 12 जवानों का फिजियोथेरेपी चिकित्सा द्वारा उपचार फिजियोथेरेपी तुमचों दुवार वाहन के माध्यम से फिजियोथेरेपिस्ट डॉ पदमनाथ बघेल, उपासी नेताम एवं राजू नाग द्वारा किया गया।
घोड़ागांव पहुंची फिजियोथेरेपी वाली गाड़ी 45 ग्रामीणों का हुआ उपचार
इसके अतिरिक्त सीएमएचओ डॉ0 आरके सिंह, जिला कार्यक्रम प्रबंधक डॉ भावना महलवार के मार्गदर्शन ग्राम घोड़ागांव के आयुषमान आरोग्य मंदिर में जिसमें कुल 45 ग्रामीणों को पेलिऐटीव केयर फिजियोथेरेपी तुमचो दुवार टीम के द्वारा फिजियोथेरेपी चिकित्सा प्रदान की गई। जिनमें 03 नवीन लकवा मरीज की पहचान कर उन्हें फिजियोथेरेपी चिकित्सा प्रदान करते हुए 02 वयोवृद्ध जनों को चलने फिरने हेतु वाकिंग स्टिक डोनेट किया गया एवं नियमित चिकित्सा हेतु जिला अस्पताल आकर चिकित्सा लाभ लेने की सलाह भी दी गई।

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