मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ व्यापक श्रमिक वर्ग की एकता का आव्हान
सीटू स्थापना दिवस पर हुई परिचर्चा
AINS RAIPUR…सीटू के 53 वें स्थापना दिवस पर आयोजित परिचर्चा में मोदी सरकार की मजदूर एवं जन विरोधी नीतियो के खिलाफ व्यापक श्रमिक वर्ग की एकता का आव्हान किया गया । मध्य प्रदेश – छत्तीसगढ मेडिकल एंड सेल्स रिप्रेजेंटेटिव यूनियन के कार्यालय में इस परिचर्चा का आयोजन किया गया था । परिचर्चा को संबोधित करते हुए सीटू राज्य महासचिव एम के नंदी, सी जेड आई ई ए के महासचिव धर्मराज महापात्र, एस टी यू सी के सचिव एस सी भट्टाचार्य, तृतीय वर्ग शास कर्म संघ के अध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी, एम्स आउटसोर्स कर्म के नेता नीलेश, माकपा नेता प्रदीप गभने, जनवादी नौजवान सभा के साजिद रजा, एम पी एम एस आर यू के सचिव प्रदीप मिश्रा ने कहा कि देश के ट्रेड यूनियन आंदोलन में 1970 को सीटू के।निर्माण के बाद श्रमिको के शोषण के खिलाफ संघर्ष में गुणात्मक बदलाब आया और आज सीटू की पहल से देश के समस्त श्रमिक संगठन के मध्य एकता का निर्माण हुआ जिसके नेतृत्व में देश के श्रमिक वर्ग ने निजीकरण और उदारीकरण की नीतियों के विरुद्ध 21 हड़ताल संगठित की ।
वक्ताओं ने मोदी सरकार की नोटबंदी और उसके।बाद जी एस टी फिर नेशनल मोनिटाइजेशन पाइप लाइन के नाम पर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, बीमा, कोयला, रक्षा, इस्पात, परिवहन, शिक्षा, स्वास्थ जैसे बुनियादी क्षेत्रों को भी निजी पूंजीपतियों के हवाले करने का तीव्र विरोध करते हुए श्रम कानूनों को बदलकर चार श्रम संहिता बनाने के कदम को मजदूरों को गुलाम बनाने वाला करार दिया और इसे वापस लेने की मांग की । वक्ताओं ने कृषि कानून के विरुद्ध देश के किसान आंदोलन की सराहना करते हुए खेती और देश के कल कारखानों को बचाने मजदूर किसान के मजबूत साझा संघर्ष पर जोर दिया । वक्ताओं ने मजदूर के वेतन, मंहगाई, रोजगार की गारंटी और आजीविका के सवाल पर संघर्ष को कमजोर करने भाजपा और उसकी सरकार द्वारा साम्रदायिक भावना का उपयोग करने का आरोप लगाते हुए श्रमिक वर्ग को इन षड्यंत्रों को समझने और वर्गीय शोषण के खिलाफ मजदूर वर्ग की वर्गीय एकता को मजबूत करने का आव्हान किया । वक्ताओं ने कहा की शोषण पर आधारित इस व्यवस्था और उसके वाहक भाजपा जैसी राजनीतिक ताकत को पराजित किए बिना श्रमिक वर्ग की मुक्ति संभव नहीं है । परिचर्चा में सीटू के विस्तार के साथ ही मोदी सरकार की साम्प्रदायिक और जनविरोधी आर्थिक नीति के खिलाफ श्रमिक। संगठनों की एकता का और विस्तार करने पर जोर दिया । परिचर्चा की अध्यक्षता अध्यक्ष काम विभाष पैतुंदी ने की । उल्लेखनीय है कि देश के श्रमिक आंदोलन में सुधारवादी रुख के खिलाफ लड़ते हुए ही 1970 में सीटू का जन्म हुआ था ।