उत्तराखंड : उत्तराखंड STF ने साइबर अपराधियों द्वारा संचालित ऑनालाइन ठगी के अड्डे को तबाह कर दिया. मौके से टीम ने 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तार जालसाजों में कई लड़कियां भी शामिल हैं. इस इंटरनेशनल साइबर ठगी के अड्डे से पुलिस को एक करोड़ 26 लाख 51 हजार 500 रुपए नकद मिले. तीन आरोपी फरार हैं. इनकी तलाश में STF की टीमें उत्तराखण्ड से लेकर दिल्ली तक में छापेमारी कर रही हैं. पता चला है कि इस अड्डे के तार राजधानी दिल्ली से भी जुड़े हुए थे.
उत्तराखंड STF चीफ अजय सिंह ने TV9 से बातचीत में बताया, “यह अवैध रूप से संचालित इंटरनेशनल कॉल सेंटर था. छापे के दौरान कॉल सेंटर परिसर से कम्प्यूटर व लैपटॉप भी मिले. जब्त लैपटॉप की संख्या 245 है. करीब सवा करोड़ नकदी के अलावा मौके से 61 कम्पयूटर मिले. छापेमारी के बाद से ही यहां कार्यरत करीब 300 से ज्यादा संदिग्धों से पूछताछ की गई थी. दरअसल, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड पुलिस महानिदेशालय को दो टूक हिदायत दे रखी है कि, राज्य में ड्रग, सिंडीकेट क्राइम और साइबर अपराधियों के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए.
ऐसे हुई इस तबाही की शुरुआत
मुख्यमंत्री से ही जब पुलिस को खुली छूट मिली तो पुलिस महानिदेशालय ने भी राज्य पुलिस स्पेशल टास्क फोर्स को खुले हाथों काम करने के लिए छोड़ दिया. इसका नतीजा गुरुवार को तब सामने आया जब STF की टीमों ने कई दिनों की मशक्कत के बाद राज्य में चल रहे सबसे बड़े ऑनलाइन साइबर अपराध के इस इंटरनेशनल अड्डे को ही तबाह कर डाला.
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— SANJEEV CHAUHAN (@SanjeevCrime) July 21, 2022
कॉल सेंटर की आड़ में साइबर अपराधियों द्वारा ऑनलाइन ठगी का यह इंटरनेशनल अड्डा राजधानी देहरादून में ही चलाया जा रहा था. इस अड्डे के बारे में बीते कुछ समय से जब पुख्ता खबरें राज्य पुलिस साइबर और STF के पास आने लगीं तो, ठगी के इस बड़े अड्डे को नेस्तनाबूद करने के लिए SSP एसटीएफ अजय सिंह ने कई विशेष टीमों का गठन किया.
ठगी के अड्डे की नींव खोदने वाले
STF और साइबर निरोधक दस्तों की इन अलग-अलग टीमों में 19 अफसर, पुलिस कर्मचारी शामिल किए गए थे. इन सभी पुलिस टीमों की बागडोर दी गई STF में तैनात पुलिस उपाधीक्षक अंकुश मिश्रा और जवाहर सिंह को, जबकि इस ऑनलाइन ठगी के इस इंटरनेशनल अड्डे में सेंध लगाने के लिए गठित टीमों में शामिल किए गए थे देवेंद्र नबियाल, पंकज पोखरियाल, अबुल कलाम (तीनों इंस्पेक्टर), आशीष गुसांई, कुलदीप टम्टा, राहुल कापड़ी, विकास रावत, उमेश कुमार, (सभी सब इंस्पेक्टर) व महिला सब इंस्पेक्टर प्रतिभा, हवलदार सुनील भट्ट, सिपाही मनोज बेनीवाल, नरेश चन्द्र, सन्देश यादव, कादर खान, जय सिंह, अनूप भाटी, देवेन्द् नेगी (सभी सिपाही) को.
SSP एसटीएफ अजय सिंह ने कहा, “दरअसल इतनी बड़ी टीम इसलिए भी बनानी पड़ी क्योंकि, राज्य में हाल-फिलहाल इससे बड़ा और कोई साइबर क्राइम का अड्डा चलने की कोई पुख्ता सूचना नहीं थी. हम कहीं भी किसी भी तरह से इस मामले के खुलासे में कोई जोखिम लेने को तैयार नहीं थे.”
कॉल सेंटर की आड़ में चला रहे थे
SSP एसटीएफ ने आगे कहा, यह साइबर ठग अवैध धन अर्जित करने हेतु कॉल सेंटर खोलकर बैठे थे. इनके टारगेट पर मुख्यत: विदेशी नागरिक ही होते थे. सूचना पुख्ता होने पर जब राज्य STF और साइबर निरोधक दस्तों की टीमों ने कॉल सेंटर की आड़ में चल रहे इस इंटरनेशनल ठगी के अड्डे पर धावा बोला तो वहां भगदड़ मच गई. हालांकि STF ने ठगी के इस अड्डे से किसी को भी न निकलने देने का पुख्ता इंतजाम पहले ही कर रखा था.
यह अड्डा न्यू रोड निकट एमकेपी चौक ग्रामीण बैंक के सामने स्थित तीन मन्जिला भवन परिसर में चल रहा था. पहली नजर में देखने पर यह एक अदद कॉल सेंटर से ज्यादा कुछ नहीं लग रहा था. चूंकि STF ने अंदर की हर खबर पुख्ता करने के बाद ही छापा मारा था, इसलिए छापामार उत्तराखंड पुलिस टीमों के सामने ठगों की कोई चाल कामयाब नहीं हो सकी. SSP एसटीएफ के मुताबिक, मौके से हमने 14 आरोपियों को पकड़ा था. इनमें से तीन गिरफ्तार कर लिए गए. बाकी से पूछताछ की जा रही है.
अड्डे से मोटी रकम संग यह भी मिला
इस मामले में थाना साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन देहरादून में आईपीसी की धारा 420, 120 बी और 66 सी, डी और 75 आईटी एक्ट के तहत मुकदमा भी दर्ज किया गया है. शुरुआती पूछताछ में पता चला है कि इंटरनेशनल कॉल सेंटर की आड़ में ठग, माइक्रोसॉफ्ट ऑनलाइन स्पोटर बनकर फर्जी हेल्पलाइन नंबर जारी करते थे. इसके बाद विदेशी नागरिकों को डायलर सॉफ्टवेयर के माध्यम से ट्रोजन वायरस, लैपटॉप रिपेयरिंग आदि सेवाएं देने की एवज में, क्यूआर कोड़ के माध्यम से उनसे मोटी धनराशि ऐंठ लेते थे.
गिरफ्तार ठगों में कुछ महिलाएं-लड़कियां भी शामिल हैं. गिरफ्तार अधिकांश आरोपी देहरादून और उसके आसपास के इलाके के ही मूल बाशिंदे हैं. इनमें से पुलिस ने देहरादून निवासी मेघा रावत, विकास गुप्ता और दमन भल्ला को तो गिरफ्तार कर लिया है. जबकि 11 अन्य आरोपियों को सीआरपीसी की धारा 41 के तहत नोटिस दिया है.