छत्तीसगढ़ के नए राज्यपाल विश्व भूषण हरिचंदन ने आज राजभवन में ली शपथ, हरिचंदन ओडिशा सरकार में 4 बार मंत्री रहे।
उन्होंने काफी कम समय में अपनी कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प के बल पर एक वकील और एक राजनीतिक नेता के रूप में प्रसिद्धि प्राप्त की
AINS RAIPUR…छत्तीसगढ़ के नए राज्यपाल विश्व भूषण हरिचंदन ने आज राजभवन में शपथ ली। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अरूप कुमार गोस्वामी ने राजभवन में सुबह 11.30 बजे उन्हें नौवें राज्यपाल के रूप में शपथ दिलाई। इस मौके पर सीएम भूपेश बघेल के अलावा कई नेता भी मौजूद रहे। बता दें कि विश्व भूषण हरिचंदन बुधवार को रायपुर पहुंचे। सुबह 9.45 बजे स्वामी विवेकानंद विमानतल पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उन्हें पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया था। राजभवन आगमन पर राजभवन सचिवालय के अधिकारियों -कर्मचारियों ने भी उनका आत्मीय स्वागत किया था। इस अवसर पर प्रथम महिला सुप्रभा हरिचंदन और उनके परिजन भी मौजूद थे।
जीवन परिचय
पिता का नाम – स्व. परशुराम हरिचंदन। वे एक साहित्यकार, नाटककार और स्वतंत्रता सेनानी थे। स्वतंत्रता के बाद वे अविभाजित पुरी जिला परिषद के प्रारंभ से लेकर इसके उन्मूलन तक इसके उपाध्यक्ष रहे।
जन्म तिथि – 3 अगस्त 1934
जन्म स्थान – ओडिशा के खोरधा जिले का बानपुर।
शैक्षणिक योग्यता – एससीएस कॉलेज, पुरी से अर्थशास्त्र में ऑनर्स की डिग्री। एमएस लॉ कॉलेज कटक से एलएलबी की डिग्री।
पत्नी – सुप्रभा हरिचंदन
संतान – पृथ्वीराज हरिचंदन व प्रसनजीत हरिचंदन
ओडिशा में योद्धाओं और स्वतंत्रता सेनानियों के परिवार से आने वाले विश्वभूषण हरिचंदन 1962 में ओडिशा के उच्च न्यायालय बार और वर्ष 1971 में भारतीय जनसंघ में शामिल हुए। उन्होंने काफी कम समय में अपनी कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प के बल पर एक वकील और एक राजनीतिक नेता के रूप में प्रसिद्धि प्राप्त की। उन्होंने ऐतिहासिक जेपी आंदोलन में लोकतंत्र के समर्थन की लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्हें आपातकाल में कई महीनों तक जेल में रहना पड़ा था।
हाईकोर्ट बार एसोसिएशन एक्शन कमेटी के अध्यक्ष के रूप में हरिचंदन ने 1974 में सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों के अधिक्रमण के खिलाफ ओडिशा में वकीलों के आंदोलन का नेतृत्व किया। ओडिशा की राजनीति के दिग्गज हरिचंदन पांच बार ओडिशा की राज्य विधानसभा के लिए वर्ष 1977, 1990, 1996, 2000 और 2004 में चुने गए। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ वर्ष 2000 के विधानसभा चुनाव में 95,000 मतों के अंतर से जीत हासिल की, जिसने ओडिशा में पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए। हरिचंदन ओडिशा सरकार में 4 बार मंत्री रहे।