छत्तीसगढ़

माउन्टेन मांझी , सरकार से निराश होकर नलाझर गांव वाले श्रमदान से खुद सडक बनाने में जुट गये

किसी के हाथ मे फावडा तो किसी के हाथ में कुल्हाडी गैंती , कोई झाडी काटने में तो कोई खोदने मे तो कोई गड्ढा पाट राह बनाने मे जुट गया था

AINS KESHKAL (K.SHASHIDHARAN)…नेताओं से फरियाद करते करते और सरकार का मुंह ताकते ताकते हताश और निराश होकर उम्मीद छोडकर गांव वालों ने खुद ठान लिया और हांथों में फावडा गैंती कुल्हाडी थाम कर घर से निकलकर जुट गये राह पर पडने वाले खरपतवार, झाडियों को काटकर – गड्ढों को पाटकर रोड बनाने के लिए |
महिला पुरूष बच्चे बुढे सभी पूरे जी जान से जुट गये है- कांकेर के अंतिम छोर, विश्रामपुरी रेंज व केसकाल रेंज के ग्राम सिदावंद से लगे जंगल पहाड नाला के बीच रचे बसे दो गांव नलाझर – आमापानी को जोडने के लिए ।

लगभग 50 परिवार के गरीब सरकार वा नेताओं के उपर अपना भरोसा छोड़कर हर घर से कम से कम एक सदस्य 4 मार्च की सुबह सरोना, आमापानी को जोडने वाले मार्ग पर ईकट्ठा होकर पूरे जोशो खरोश से मार्ग बनाने में जुट गये| किसी के हांथ मे फावडा तो किसी के हाथ में कुल्हाडी गैंती , कोई झाडी काटने में तो कोई खोदने मे तो कोई गड्ढा पाट राह बनाने मे जुट गया था | सबका एक मात्र उद्देश्य था ऐन केन प्रकरेंण आने जाने के लायक काम चलाउ राह बना लेने का । गांव वालों के जाने आने के लिए मार्ग बना लेने को लेकर गांव वालों का जज्बा और आपस मे जो तालमेल है वह काबिलेतारीफ है ।
हम सबके जीवन मरंण से जुडा है यह रोड—-
ग्रामवासियों का कहना है की इस रोड से हमारा जीवन मरण का नाता रिश्ता है । हम लोगों का रिश्तेदारी सरोना के आसपास के गांव से है हमारे बच्चे सरोना मे तथा आसपास के गांव मे रहकर पढते हैं तथा हम लोग ज्यादातर सरोना बाजार जाकर खरीदी बिक्री करते हैं । हमारे लिये और उस तरफ के गांव वालों के लिये यह रोड बहुत महत्वपूर्ण है तथा इस रोड का बनना बहुत जरूरी है। जबकि हमारे गांव स्कूल व पानी वा अन्य सुविधा सरकार के ओर से मिला है किंतु वन विभाग के नजर अंदाज के कारण हमारे गांव मैं बसे ग्रामीण जन शहर से जोड़ने वाले मुख्य मार्ग सड़क बनाने में सरकार व शासन प्रशासन गंभीर नहीं है, उसी कारण हम ग्रामीण जन श्रमदान से प्रत्येक घर से ग्रामीण हाथो में रापा कुदाड़ी लेकर सड़क बनने निकल पड़े है,

पीड़ित ग्रामीण सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार यह रोड बन जाने से सरोना नरहरपुर की तरफ से केशकाल की तरफ आने और केशकाल की तरफ से सरोना नरहरपुर, चारामा धमतरी जाने के लिए शार्टकट सुविधाजनक मार्ग साबीत हो पायेगा ।
समस बेसमय केशकाल घाटी में आवागमन अवरूद्ध हो जाने पर लोगो को बोरई सिहावा की तरफ से लम्बी दूरी तय करके जाने आने की बजाय इसी मार्ग से जा आ पायेंगे और यह बेहतर वैकल्पिक मार्ग साबीत हो सकता है ।

ग्रामवासियों द्वारा इस मार्ग की आवश्यकता की तरफ ध्यान आकर्षित करते जिस तरह से एकजुटता की मिशाल पेश किया उसे शासन प्रशासन तथा राजनेताओं द्वारा कितनी गंभीरता से लिया जाता हैं और सरकारी कोष से बारहमासी पक्की सडक बनवाने की प्रक्रिया प्रारंभ कर स्वीकृति दिलाकर सडक का निर्माण आरंभ कराया जाता है इस ओर लोगों की निगाहें टिकी रहेगी ।

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