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‘यह उत्सव भारत के विकास को गति देने के लिए’, बी20 शिखर सम्मेलन में बोले PM मोदी

news delhi: भारत में चल रहे बी20 शिखर सम्मेलन में रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल हुए। उन्होंने इस मौके पर कहा कि यह उत्सव भारत के विकास को गति देने के लिए है।

यह उत्सव नवप्रवर्तन के बारे

B20 बिजनेस समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस बार भारत में त्योहारों का सीजन 23 अगस्त से शुरू हो गया है। यह जश्न चंद्रमा पर चंद्रयान के पहुंचने का है। भारत के चंद्र मिशन की सफलता में ISRO ने अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि यह उत्सव भारत के विकास को गति देने के लिए है। यह उत्सव नवप्रवर्तन के बारे में है। यह उत्सव अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी की मदद से स्थिरता और समानता लाने के बारे में है।

150 से ज्यादा देशों को दवाएं कराईं उपलब्ध

उन्होंने कहा कि दो से तीन साल पहले हम सबसे बड़ी महामारी से गुजर रहे थे। इस महामारी ने हर देश, समाज, बिजनेस सेक्टर और कॉरपोरेट इकाई को एक सबक दिया, सबक यह दिया है कि हमें सबसे ज्यादा आपसी विश्वास पर निवेश करने की जरूरत है। कोरोना ने दुनिया में आपसी विश्वास को तहस नहस कर दिया है। इस दौरान जो देश पूरी सहनशीलता के साथ, विश्वास के साथ खड़ा है वो हैं भारत।कोविड के दौरान भारत ने 150 से ज्यादा देशों को दवाएं मुहैया कराई हैं।

आर्थिक विकास को बढ़ावा देना लक्ष्य

इससे पहले पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर जानकारी दी थी कि आज बी20 समिट इंडिया 2023 को संबोधित करेंगे। उन्होंने कहा था कि यह मंच व्यापार जगत में काम करने वाले हितधारकों की एक विस्तृत श्रृंखला को एक साथ ला रहा है। यह सबसे महत्वपूर्ण जी20 समूहों में से एक है, जिसका स्पष्ट ध्यान आर्थिक विकास को बढ़ावा देने पर है।

‘ग्लोबल साउथ की चिंताओं पर ध्यान देने की जरूरत’

वहीं, पीएम मोदी से पहले सम्मेलन में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि विकासशील देशों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता उस समय अधिक महसूस हुई, जब दुनिया कोरोना महामारी से जूझ रही थी। उन्होंने कहा कि जी20 का मुख्य उद्देश्य आर्थिक वृद्धि और विकास को बढ़ावा देना है। इन उद्देश्यों को आगे बढ़ाने के लिए ग्लोबल साउथ की महत्वपूर्ण चिंताओं पर बात करने की जरूरत है।

उत्पादक के बजाय एक उपभोक्ता

उन्होंने आगे कहा था कि ग्लोबल साउथ एक उत्पादक के बजाय एक उपभोक्ता बनकर रह गया है। इसके कई कारण हैं जैसे- सब्सिडी, प्रौद्योगिकी, मानव संसाधन और रणनीतिक विकल्प। इन सभी वजहों से वह एक उपभोक्ता बनकर रह गया है।

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