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चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद ही तत्काल प्रभाव से पांचो प्रदेश में आचार संहिता लागू

जानिए आचार संहिता लागू होने के बाद क्‍या-क्‍या बदलाव होगा….

AINS NEWS… चुनाव आयोग द्वारा चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद ही तत्काल प्रभाव से पांचो प्रदेश में आचार संहिता लागू हो गई। आचार संहिता के लागू होने के बाद प्रदेश में कई सरकारी कार्यों और अन्य कार्यों पर रोक लग जाएगी। आदर्श आचार संहिता के प्रभावशील होते ही धारा-144, कोलाहल नियंत्रण अधिनियम, प्रतिबंधात्मक कार्रवाई, आयुध अधिनियम के तहत शस्त्र जमा तथा निलंबित किए जाने, पाम्पलेट-पोस्टर मुद्रण, विश्राम गृहों का आरक्षण, शासकीय वाहनों के उपयोग पर प्रतिबंध, विभिन्न आयोजनों की अनुमति, मतदान केंद्र भवनों का अधिग्रहण आदि के संबंध में आदेश जारी कर निर्देशों का निष्पक्ष रूप से पालन कराया जाएगा।
आचार संहिता प्रभावशील होते ही संपत्ति विरूपण अधिनियम के तहत सार्वजनिक स्थल तथा शासकीय भवनों में लगे बैनर, पोस्टर, होर्डिंग्स, एलईडी तथा अन्य प्रचार सामग्रियों को 24 घण्टे भीतर हटाने की कार्रवाई की जाएगी। प्रथम 48 घंटे में सभी सार्वजनिक संपत्तियों से विरूपण हटाने की कार्यवाही जाएगी। प्रथम 72 घंटे में सभी निजी संपत्तियों से विरूपण हटाया जाएगा। विरूपण पर कि गई कार्यवाही कि निर्धारित प्रारूप में प्रतिदिन प्रतिवेदन भेजना होगा।

जानिए आचार संहिता लागू होने के बाद क्‍या-क्‍या बदलाव होगा….
• निर्वाचनों की घोषणा के बाद नई योजना परियोजनाओं या निर्माण की घोषणा या ऐसे वायदों पर रोक होगी।
• किसी भी रूप में किसी भी वित्तीय अनुदान की घोषणा नहीं होगी ना ही उनके वायदे किए जाएंगे।
• किसी भी प्रकार की परियोजना या योजना की आधारशिला नहीं रखी जाएगी।
• सड़कों के निर्माण पेयजल की सुविधा आदि का कोई वादा नहीं किया जाएगा।
• आचार संहिता की लागू होने की 72 घंटे के अंदर उन कार्यों की सूची प्राप्त की जाएगी जो पहले से धरातल पर प्रारंभ किया जा चुके हैं।
• जन उपयोगी योजनाएं को, जो पूर्णता की स्थिति में है, सिविल अधिकारियों के द्वारा बिना किसी समारोह के या राजनीतिक व्यक्तियों को बुलाए प्रारंभ किया जा सकता है।
• पूर्ण हो चुके कार्य के भुगतान करने के लिए राशि जारी करने के लिए कोई आपत्ति नहीं होगी।
• आचार संहिता में शीथलीकरण के आवेदन राज्य के स्क्रीनिंग कमेटी के माध्यम से मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को भेजे जाएंगे और वहां से प्रस्ताव आयोग को भेजे जाएंगे।
• विनिर्माण परियोजनाएं जो समस्त आवश्यक शक्तियां प्राप्त करने के बाद धरातल पर प्रारंभ कर दी गई है तो जारी रहेंगी।
• वे लाभार्थी मूलक परियोजनाएं जिनमें आदर्श आचार संहिता लागू होने से पहले लाभार्थियों की पहचान की जा चुकी और कार्य प्रारंभ हो चुका है।
• मुख्यमंत्री एवं प्रधानमंत्री सहायता कोष से गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति के लिए सहायता राशि दिया जाना जारी रहेगा किन्तु इसका भुगतान संबंधित अस्पताल को किया जाना होगा।
• मनरेगा के पूर्व से पंजीकृत श्रमिकों को प्रचलित कार्य में शामिल किया जा सकता हैं।
• मनरेगा के अंतर्गत नई परियोजनाएं अधिनियम के प्रावधानों के अंतर्गत तभी शुरू किये जा सकेंगे जब वह पहले से ही पंजीकृत लाभार्थियों के लिए हो और परियोजना को पहले ही परियोजनाओं की अनुमोदित और स्वीकृत सूची में रखा गया है।
• किसी भी विवेकाधींन निधि से कोई कार्य पूर्वअनुमति के बिना नहीं कराया जा सकेगा।
• सार्वजनिक क्षेत्र के घाटे में चल रहे ईकाइयों का पुनरुद्धार करने सरकार द्वारा उद्योगों का अधिग्रहण करने आदि के प्रस्ताव नहीं लाए जा सकते हैं।

• शराब के ठेकों की नीलामी नहीं की जा सकेगी ।

• किसी भी परियोजना/ योजना/ कार्यक्रम के प्रचालन क्षेत्र को नहीं बढ़ाया जा सकेगा।
• किसी भी तरह के भूमि आवंटन/ अतिक्रमण व्यवस्थापन आदि कि कार्यवाही पर प्रतिबंध होगा।
• किसी भी तरह के नए समझौता या करार करने पर अनुमति प्राप्त करनी होगी।
• वैश्विक निविदा को छोड़कर अन्य निविदा जो निर्वाचन के पहले ही आमंत्रित की जा चुकी है, मूल्यांकन किया जा सकता है किंतु उसे अंतिम रूप नहीं दिया जा सकता।
• यदि कोई निविदा आमंत्रित नहीं की गई है तो निर्वाचन आयोग की पूर्व अनुमति के बिना आमंत्रित नहीं की जाएंगी ।
• राज्य सरकारों द्वारा उनके द्वारा वित्त पोषित सभी संस्थानों से निर्वाचन आयोग की पूर्व अनुमति के बिना ऋण माफी नहीं की जा सकेगी।
• आपदा से निपटने के लिए अनुग्रह राशि वर्तमान में लागू दर के अनुसार निर्वाचन आयोग को सूचना देते हुए प्रभावित व्यक्तियों को सीधे दी जा सकती है, लेकिन भुगतान के मानकों में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।
• निर्वाचन आयोग की पूर्व अनुमति बिना किसी क्षेत्र को सूखा या बाढ़ प्रभावित घोषित नहीं किया जाएगा।
• प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री राहत कोष से व्यक्तियों के समूह को कोई भी सहायता देने के लिए निर्वाचन आयोग की पूर्व अनुमति आवश्यक होगी।
• संघ लोक सेवा आयोग, राज्य लोक सेवा आयोग, कर्मचारी चयन आयोग या किसी अन्य सांविधिक संस्था के माध्यम से भर्ती जारी रह सकती है।
• गैर सांविधिक निकायों के माध्यम से भर्ती के लिए निर्वाचन आयोग अनुमति आवश्यक होगी।
• सभी प्रकार के तदर्थ नियुक्तियों पर प्रतिबंध होगा।
• निर्वाचन से प्रत्यक्ष रूप से जुड़े अधिकारियों या कर्मचारियों के स्थानांतरण पर पूर्णतः प्रतिबंध होगा।
• एम सी सी लागू होने के बाद पूर्व से स्थानांतरित अधिकारी यदि भार मुक्त नहीं किए गयें हैं तो उन्हें भारमुक्त नहीं किया जाएगा।
• जिन्हें भारमुक्त कर दिया गया और उन्होनें जॉइनिंग नहीं की है तो उन्हें जॉइनिंग नहीं दी जाएगी।

• ऐसे मामलों में STATUS-QUO-ANTE बनाकर रखा जाएगा।
• कोई भी मंत्री किसी भी निर्वाचन क्षेत्र का शासकीय दौरा नहीं करेगा।
• मंत्रीगण अपने सरकारी वाहनों का उपयोग अपने मुख्यालय से अपने निवास स्थान पर सरकारी कार्य हेतु आने जाने के लिए करने के पात्र है।
• मंत्री के दौरे के दौरान कोई भी पायलट और वाहनों पर किसी भी रंग की बीकन लाइट इस्तेमाल नहीं की जाएगी।
• राज्य सरकार और जिला प्रशासन के अधिकारी निर्वाचन दौरे पर आए मंत्रियों की प्रोटोकॉल के तहत कोई स्वागत या विदा नहीं करने जाएंगे।
• उन्हें कोई सलामी आदि नहीं दी जाएगी।
• किंतु सुरक्षा संबंधी व्यवस्था के लिए उपस्थित रहने की अनुमति होगी।
• किसी भी शासकीय अधिकारी को किसी मंत्री के द्वारा बैठक या वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में नहीं बुलाया जाएगा।
• यदि कोई अधिकारी अपने निजी दौरे पर मंत्री से मुलाकात करता है तो उसे कदाचार का दोषी माना जाएगा।
• वह लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारावाहिक 129 में उल्लिखित कोई अधिकारी हो तो उसे धारा के संबंधित प्रावधानों के उल्लंघन का दोषी माना जाएगा।
• मंत्रीयों को अपने निजी दौरे में एक अराजपत्रित पर्सनल स्टाफ को ले जाने की अनुमति होगी।
• सरकारी अतिथि गृहों में मंत्रियों की आवास व्यवस्था नहीं की जाएगी क्योंकि अतिथि गृह निर्वाचन आयोग के प्रेक्षकों और अन्य निर्वाचन अधिकारियों के लिए आवश्यक होंगे।
• मंत्रियों एवं अन्य राजनीतिक पदाधिकारी जिन्हें सरकार द्वारा जेड या जेड प्लस श्रेणी अथवा उसके समकक्ष सुरक्षा दी गई है, को ही उपलब्धता पर आवंटित की जाएगी।
• किसी भी व्यक्ति को 48 घंटे से ज्यादा के लिए ये अतिथि गृह आवंटित नहीं किए जाएंगे ।
• मौन अवधि में सरकारी रेस्ट हाउस किसी को भी नहीं दिए जाएंगे।
• आयोग ने यह निर्देश भी दिया है कि इस अवधि के दौरान प्रधानमंत्री/ मुख्यमंत्री एवं अन्य राजनीतिक पदाधिकारी, जो राजनैतिक रूप से सक्रिय है, के छायाचित्रों को सरकारी भवनों में प्रदर्शित नहीं किया जाना चाहिए।
• सांसद या विधायक निधि से दिए गए पानी की टंकियां एंबुलेंस आदि वाहनों पर उनके नाम लिखे गए हैं तो राज्य के ऐसे वाहनों पर प्रदर्शित एमपी एमएलए के नाम को ढका जाना चाहिए।
• सभी शासकीय वाहन, सिटी बस आदि से भी ऐसे फोटो हटाए जाने चाहिए।
• लाभार्थी कार्ड, इलेक्ट्रिक बिल, निर्माण स्थल साइट पर यदि किसी राजनीतिक व्यक्ति की फोटो या संदेश है तो हटाया जाएगा।
• किंतु ऐसे लाभार्थी कार्ड, plaques on construction sites, जो निर्वाचन की घोषणा से पहले से वितरित किए गए हैं पर फोटो या नाम के संबंध में कोई आपत्ति नहीं है ।
• दिवंगत राजनेताओं के फोटो यदि हैं तो उन पर कोई आपत्ति नहीं होगी।
• मतदान केंद्रों पर यदि कोई राजनेता की फोटो या कोई चुनाव चिन्ह आदि हैं तो उन्हें ढक देना चाहिए।
• माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने 2014 में राजनीतिक दलों द्वारा रैलियों में राष्ट्रीय ध्वज के उचित उपयोग की अनुमति दी है।
• आयोजकों का यह कर्तव्य होगा कि वह यह सुनिश्चित करें की Flag Code, Emblems and Names Act 1950 and Prevention of Insults to National Honour Act 1971 के प्रावधानों का सख्त पालन किया जाए.
• Pamphlet एवं पोस्टर्स का मुद्रण लोग प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 127 क में मुद्रण पर प्रतिबंध लगाए गए हैं
• कोई भी व्यक्ति ऐसा कोई भी निर्वाचन परिचय या पोस्टर मुद्रित या प्रकाशित नहीं करेगा जिस पर इसके मुद्रक और प्रकाशक का नाम और पता ना दिया गया हो।
• कोई भी व्यक्ति ऐसा कोई भी निर्वाचन परिचय या पोस्टर मुद्रित नहीं करेगा या करवाएगा जब तक की उसके द्वारा हस्ताक्षरित और दो व्यक्तियों जिन्हें वह व्यक्तिगत रूप से जानता है उनके द्वारा सत्यापित इस आशय की घोषणा की दो प्रति मुद्रक को प्रदान नहीं की जाती, की प्रकाशक की पहचान क्या है
• जब तक दस्तावेज के मुद्रण के बाद उपयुक्त समय अवधि के भीतर घोषणा की एक प्रति पोस्टर की एक प्रति सहित मुद्रित द्वारा नहीं भेज दी जाती।
• लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 135ग में किसी भी मतदान क्षेत्र के भीतर किसी भी निर्वाचन के लिए मतदान के समापन के लिए निर्धारित समय से पहले के 48 घंटे की समयावधि के भीतर कोई भी स्पिरिट वाली शराब या अन्य पदार्थ को किसी होटल, भोजनालय, मधुशाला, दुकान या किसी अन्य सार्वजनिक स्थान में बिक्री परिदान या वितरण नहीं किया जाएगा।
• कोई भी नया लाइसेन्स एम सी सी अवधि में जारी नहीं किया जाएगा।
• निर्वाचन की घोषणा के साथ ही जिला दंडाधिकारी कि अध्यक्षता में गठित स्क्रीनिंग कमेटी के द्वारा सभी आर्म्स लाइसेन्स के समीक्षा कर नोटफकैशन तिथि से आर्म्स को जमा करने कि कार्यवाही प्रारंभ की जाएगी।
• एम सी सी अवधि में सभी आर्म्स आदि का परिवहन प्रतिबंधित रहेगा।
• प्रचार अवधि कि समाप्ति के पश्चात कोई भी ऐसा राजनैतिक कार्यकर्ता, अभ्यर्थी को छोड़कर, जो वहाँ का वोटर नहीं है को वो क्षेत्र खाली करना होगा।
• प्रिन्ट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया दोनों का pre certification अनिवार्य होगा।
• अभ्यर्थी की 3 वाहनों को छोड़कर सभी अनुमति समाप्त हो जाएगी।
• लाउड स्पीकर की सभी अनुमति समाप्त होगी।
• मतदान केंद्र के 100 मीटर के भीतर कोई प्रचार नहीं किया जाएगा। (Sec 130, RPA 1951)
• कोई भी व्यक्ति मतदान केंद्र के आसपास हथियार लेकर नहीं चल सकेगा। (134b of RPA 1951)
• कोई भी मंत्री या सुरक्षा प्राप्त व्यक्ति मतदान केंद्र में प्रवेश नहीं करेगा जब तक वह स्वयं अभ्यर्थी नहीं हो।
• अभ्यर्थी के Kiosk से जारी की जाने वाली पर्चियों में कोई चुनाव चिन्ह या उनका नाम नहीं होगा।
• मतदाताओं का परिवहन प्रतिबंधित होगा।
• कवि सम्मेलन/मुशायरा आदि का आयोजन किया जा सकेगा लेकिन इनमें कोई राजनैतिक भाषण नहीं होगा।
• प्लास्टिक का उपयोग प्रतिबंधित रहेगा अतः इस संबंध में सभी राजनैतिक दलों के जिला ईकाई को अवगत कराया जाए।
• निर्वाचन से जुड़े अधिकारियों से नामांकन के अंतिम दिवस के दो दिन के भीतर यह अन्डर्टैकिंग लिया जाएगा कि उनका कोई निकट रिश्तेदार चुनाव नहीं लड़ रहा है।
• छठ पूजा में तालाबों की सफाई पूर्ववत जारी रहेगी।
• दशहरा पर्व में भी सभी भाग ले सकते हैं लेकिन कोई राजनैतिक भाषण नहीं होगा।
• सभी एस एस टी अधिसूचना जारी होते ही सक्रिय हो जाएंगे।

चुनाव तारीखों की घोषणा
छत्तीसगढ़ में दो चरणों में चुनाव कराए जाएंगे। पहले चरण का मतदान 7 नवंबर और दूसरे चरण का मतदान 17 नवबंर को होगा।
#पहले_चरण के लिए
नोटिफिकेशन/ नामांकन 13 अक्टूबर 2023 से
नामांकन का आखिरी दिन
20 अक्टूबरसी2023
नामांकन पत्रों की जांच 21 अक्टूबर
प्रत्याशी नाम वापस
23 अक्टूबर तक
मतदान 7 नवंबर को।

#दूसरे_चरण के लिए
नोटिफिकेशन/नामांकन
21अक्टूबर से,
नामांकन का आखिरी दिन,
30 अक्टूबर को
नामांकन पत्रों की जांच,
31 अक्टूबर को
नाम वापसी 2 नवंबर तक
मतदान 17 नवंबर को होंगे।
3 दिसंबर को मतगणना होगी।

#पहले_चरण_में राज्य की 20 सीटों में से 71पंडरिया, 72 कवर्धा 73 खैरागढ़ 74 डोंगरगढ़ (अ.जा.) 75 राजनांदगांव 76 डोंगरगांव 77 खुज्जी 78 मोहला-मानपुर (एसटी) 79 अंतागढ़ (एसटी) 80 भानुप्रतापपुर (अजजा) 81 कांकेर (अ.ज.जा.) 82 केशकाल (अजजा) 83 कोंडागांव (अजजा) 84 नारायणपुर (अजजा) 85 बस्तर (एसटी) 86 जगदलपुर 87 चित्रकोट (अजजा) 88 दंतेवाड़ा (एसटी) 89 बीजापुर (अजजा) 90 कोंटा (एसटी) पर चुनाव होगा।

#दूसरे_चरण_में राज्य की 70 सीटों पर मतदान होगा. इसमें 1 भरतपुर-सोनहत (ST) 2 मनेन्द्रगढ़ 3 बैकुंठपुर 4 प्रेमनगर 5 भटगांव 6 प्रतापपुर (एसटी) 7 रामानुजगंज (एसटी) 8 सामरी (एसटी) 9 लुंड्रा (एसटी) 10 अंबिकापुर 11सीतापुर (एसटी) 12 जशपुर (एसटी) 13 कुनकुरी (एसटी) 14 पत्थलगांव (एसटी) 15 लैलूंगा (एसटी) 16 रायगढ़ 17 सारंगढ़ (अ.जा.) 18 खरसिया 19 धरमजयगढ़ (एसटी) 20 रामपुर (एसटी) 21 कोरबा 22 कटघोरा 23 पाली-तानाखार (एसटी) 24 मरवाही (एसटी) 25 कोटा 26 लोरमी 27 मुंगेली (अ.जा.) 28 तखतपुर 29 बिल्हा 30 बिलासपुर 31 बेलतरा 32 मस्तूरी (अ.जा.) 33 अकलतरा 34 जांजगीर-चांपा 35 सक्ती पर चुनाव होगा।
इसके अलावा 36चंद्रपुर, 37जैजैपुर, 38पामगढ़ (एससी), 39 सरायपाली (एससी), 40 बसना,
41खल्लारी, 42महासमुंद, 43 बिलाईगढ़ (एससी),
44कसडोल, 45बलौदा बाजार, 4 6 भाटापारा,
47धरसीवा, 48 रायपुर ग्रामीण, 49 रायपुर शहर पश्चिम, 50 रायपुर शहर उत्तर, 51 रायपुर शहर दक्षिण, 52आरंग(एससी), 53अभनपुर, 54 राजिम, 55 बिंद्रानवागढ़ (एसटी),
56 सिहावा(एसटी), 57कुरूद, 58 धमतरी,
59संजारी बालोद, 60डोंडीलोहारा (एसटी), 61 गुंडरदेही, 62 पाटन, 63 दुर्ग-ग्रामीण,
64 दुर्गशहर 65 भिलाई नगर, 66 वैशाली नगर
67 अहिवारा (एससी), 68साजा, 69 बेमेतरा,
70 नवागढ़(एससी) पर दूसरे चरण में चुनाव होंगे।

 

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