छत्तीसगढ़

रोजगार और बसाहट सहित 16 मांगों पर एसईसीएल गेवरा ऑफिस का घेराव, 30 से घेरा डालो, डेरा डालो आंदोलन

कई घंटों तक कार्यालय घेराव के बाद गेवरा एपीएम परेडा बाहर आये, जिन्हें आंदोलनकारियों ने अपना 16 सूत्रीय मांगपत्र सौंपा तथा 30 जून से कार्यालय पर घेरा डालो, डेरा डालो आंदोलन की घोषणा की।

गेवरा (कोरबा): मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, छत्तीसगढ़ किसान सभा, जनवादी नौजवान सभा और भूविस्थापित रोजगार एकता संघ के बैनर तले आज सैकड़ों ग्रामीणों ने रोजगार, पुनर्वास तथा विस्थापन प्रभावित गांवों में बुनियादी मानवीय सुविधाओं को उपलब्ध कराने जैसे मुद्दों पर एसईसीएल के गेवरा महाप्रबंधक कार्यालय का घेराव कर दिया। कई घंटों तक कार्यालय घेराव के बाद गेवरा एपीएम परेडा बाहर आये, जिन्हें आंदोलनकारियों ने अपना 16 सूत्रीय मांगपत्र सौंपा तथा 30 जून से कार्यालय पर घेरा डालो, डेरा डालो आंदोलन की घोषणा की।

माकपा जिला सचिव प्रशांत झा ने बताया कि कुसमुंडा, गेवरा, कोरबा और दीपका क्षेत्र में एसईसीएल द्वारा कई गांवों का अधिग्रहण किया गया है, लेकिन आज भी हजारों भू विस्थापित रोजगार के लिए चक्कर काट रहे है। कुसमुंडा में जमीन के बदले रोजगार की मांग को लेकर 227 दिनों से धरना चल रहा है, लेकिन प्रबंधन भू विस्थापितों को गुमराह करने का काम कर रहा है।

उन्होंने बताया कि किसी भी पुनर्वास ग्राम में बुनियादी मानवीय सुविधाओं के साथ बसाहट नहीं दी गई है और न ही यहां के लंबित रोजगार प्रकरणों का निराकरण किया जा रहा है। इन समस्याओं के निराकरण के प्रति प्रबंधन गंभीर नहीं है। उन्होंने सभी पुनर्वास गांवों में बिजली, पानी, शिक्षा तथा स्वास्थ्य सुविधाएं निःशुल्क उपलब्ध कराने तथा भूविस्थापित परिवारों के बच्चों को स्कूली बसों का फ्री पास देने की भी मांग की है। उन्होंने कोल इंडिया द्वारा पूर्व में अधिग्रहित जमीन को मूल किसानों को वापस करने की भी मांग की।

छत्तीसगढ़ किसान सभा के जिलाध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर, दीपक साहू, जय कौशिक तथा जनवादी नौजवान सभा के दामोदर श्याम ने बताया कि जनज्ञापन में सभी प्रभावित छोटे-बड़े खातेदारों को स्थाई नौकरी देने और आंशिक अधिग्रहण पर रोक लगाने की मांग के साथ ही ग्राम भठोरा में वर्ष 2016-17 में चौथे चरण के अधिग्रहण में मकानों एवं अन्य परिसंपत्तियों का लंबित मुआवजा देने तथा पुनर्वास ग्राम गंगानगर में तोड़े गये मकानों और शौचालयों का क्षतिपूर्ति मुआवजा तत्काल दिये जाने की भी मांग की गई है। किसान सभा नेताओं ने शासकीय भूमि पर काबिज लोगों को उनकी परिसंपत्तियों का पूर्ण मुआवजा देने एवं उनके परिवार के एक सदस्य को रोजगार प्रदान करने की भी मांग की है।

भूविस्थापित रोजगार एकता संघ के अध्यक्ष राधेश्याम कश्यप, रेशम यादव आदि ने कहा है कि भूविस्थापितों को बिना किसी शर्त के रोजगार देना होगा और वे अपने इस अधिकार के लिए अंतिम सांस तक लड़ेंगे। उन्होंने आऊट सोर्सिंग से होने वाले कार्यों में भूविस्थापितों एवं प्रभावित गांवों के 100% बेरोजगारों को रोजगार देने और इस हेतु उन्हें प्रशिक्षण देकर कुशल बनाने की भी मांग की।

ज्ञापन सौंपने वालों में प्रमुख रूप से माकपा पार्षद राजकुमारी कंवर, किसान सभा के दिलहरण बिंझवार, सत्रुहन दास, रोजगार एकता संघ के अध्यक्ष राधेश्याम कश्यप आदि शामिल थे। संजय यादव, पुरषोत्तम, सत्रुहन,,रेशम, सनत, विजय, अनिल बिंझवार,नरेंद्र,गणेश प्रभु, मोहनलाल कौशिक, बजरंग सोनी, पंकज के साथ सैकड़ों भू विस्थापितों और ग्रामीणों ने प्रदर्शन में हिस्सा लिया।

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