30 से 40 साल की उम्र में कैसी हो खानपान की आदत, एक्सपर्ट ने बताया विस्तार से
Diet Tips for 30 to 40 years old people: अपनी सही सेहत और तंदुरुस्ती बनाए रखने के लिए हर इंसान के लिए संतुलित आहार लेना बहुत ज़रूरी है. जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती जाती है, पोषण से भरपूर और सेहतमंद खाना ज़रूरी है, क्योंकि यह क्रॉनिक डिजीज से बचने में मददगार हो सकता है.
साथ ही हर दिन की भागदौड़ के लिए व्यक्ति की ऊर्जा को बनाए रखने में भी इससे मदद मिलती है. 30 से 40 की उम्र ऐसी होती है, जहां आपको अपने खानपान का खास ध्यान रखना चाहिए, ताकि आगे चलकर आप शारीरिक रूप से पूरी तरह से फिट रहें. आइए जानते हैं उम्र के इस पड़ाव में खानपान कैसा होना चाहिए, किन चीजों को खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए.
हमारे खाने में कौन-कौन सी चीजें होनी चाहिए?
फोर्टिस एसएल रहेजा हॉस्पिटल (माहिम, मुंबई) की एचओडी-डायटेटिक्स राजेश्वरी वी शेट्टी कहती हैं कि जब आप 30 से 40 वर्ष के होते हैं, तो सही पौष्टिक खाना बेहद ज़रूरी होता है, क्योंकि पूरे दिन आपको जितनी ऊर्जा की ज़रूरत होती है, वह आपको खाने से ही मिलती है. अच्छा खाना दिमाग को ईंधन देता है और मानसिक और शारीरिक क्षमताओं का पूरा-पूरा लाभ उठाने में मदद करता है. इस आयु वर्ग के अनुसार, कितनी कैलोरी की आवश्यकता है, यह वजन, लंबाई, मसल मास और आपके काम करने के स्तर पर निर्भर करता है.
भोजन का चुनाव करने के दौरान किन बातों को रखें ध्यान
खाने का सेहतमंद विकल्प चुनें: राजेश्वरी वी शेट्टी कहती हैं कि जब बात प्रोटीन के विकल्पों की आती है, तो विविध वेरायटी का चुनाव करना ज़रूरी है, जिसमें लीन मीट, पॉल्ट्री, सीफूड और प्लांट बेस्ड फूड्स के विकल्प शामिल हैं, जैसे बीन्स, मटर और सोया उत्पाद.
खाने में सैचुरेटेड फैट कम करें:
उच्च वसा वाले मांस, पूर्ण-वसा वाले डेयरी उत्पाद और तली-भुनी चीजों से प्राप्त सैचुरेटेड फैट खतरनाक हो सकते हैं, खासकर जब इन्हें रोजाना खाया जाए. इसकी जगह, अनसैचुरेटड, दिल के लिए सेहतमंद वसा जैसे ऑलिव ऑयल, राइस ब्रान ऑयल, नट्स और सीड्स लें, क्योंकि ये आपके संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए उपयुक्त होते हैं. महिला और पुरुष दोनों को ही विभिन्न खाद्य समूहों के अलग-अलग प्रकार के खाद्य पदार्थों को शामिल करने पर ध्यान देना चाहिए, जिसमें साबुत अनाज, फल, सब्जियां, हेल्दी फैट्स, लो फैट या फैट-फ्री डेयरी और लीन प्रोटीन शामिल है.
संतुलित आहार लें:
विभिन्न प्रकार के रोगों के खतरे को कम करने के लिए पोषण से भरपूर तरह-तरह के खाद्य पदार्थों को शामिल करना ज़रूरी है. जेंडर से अलग, महिला और पुरुष दोनों को ही ऐसे खाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, जो कि पर्याप्त मात्रा में शरीर को विटामिन्स, मिनरल्स, डायटरी फाइर्ब्स और फाइटोन्यूट्रिएंट्स प्रदान करे. हेल्दी खानपान में अनाज, ब्राउन राइस, ओट्स, निम्न-वसा या वसा-मुक्त डेयरी प्रोडक्ट्स शामिल होते हैं. उनमें दूध, दही, चीज़, कैल्शियम-फोर्टिफाइड सोया मिल्क, प्रोटीन से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे लीन मीट, पोल्ट्री, सीफूड, अंडे, बीन्स, दालें, टोफू, नट्स और सीड्स के साथ मौसमी फल और सब्जियां शामिल हैं.
आयरन से भरपूर खाद्य पदार्थ:
आयरन, व्यक्ति के बेहतरीन स्वास्थ्य के लिए बेहद ज़रूरी है. हालांकि, महिलाओं के लिए आयरन की मात्रा उनके जीवन के विभिन्न पड़ाव के अनुसार व्यवस्थित करने की ज़रूरत होती है, जैसे गर्भावस्था के दौरान आयरन की अधिक ज़रूरत होती है और मेनोपॉज तक पहुंचने पर कम मात्रा की. आयरन प्रदान करने वाले कुछ खाद्य पदार्थों में रेड मीट, चिकन, टर्की, मछली, केल, पालक, बीन्स और दालें आदि शामिल हैं. साथ ही प्लांट बेस्ड सोर्स से मिलने वाले आयरन को जब विटामिन-सी से भरपूर खाद्य पदार्थों के साथ खाया जाता है, तो शरीर इसे आसानी से पचा लेता है.
कैल्शियम और विटामिन डी शामिल करें:
सेहतमंद हड्डियों और दांत के लिए, महिलाओं और पुरुषों को हर दिन कई प्रकार के कैल्शियम से भरपूर भोजन की ज़रूरत होती है. कैल्शियम हड्डियों को मजबूत बनाता है और ऑस्टियोपोरोसिस (यह हड्डियों की एक बीमारी है, जिससे हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और आसानी से टूट जाती हैं) के खतरे को कम करता है.
कुछ कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थों में कम वसा या वसा रहित दूध, दही, पनीर, चीज़, सार्डिन, टोफू, सोयाबीन, तिल, हरी पत्तेदार सब्जियां और कैल्शियम-फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थ और पेय पदार्थ शामिल हैं, जैसे प्लांट बेस्ड दूध के विकल्प और अनाज. महिलाओं की उम्र बढ़ने के साथ कैल्शियम और विटामिन डी दोनों की ज़रूरत बढ़ जाती है. ऐसे में विटामिन डी के लिए वसा युक्त मछली, जैसे सैल्मन, अंडे और फोर्टिफाइड फूड्स और पेय जैसे दूध और कुछ प्लांट बेस्ड दूध के विकल्प, दही शामिल हैं.
शक्कर, सैचुरेटेड फैट और एल्कोहल का सेवन कम करें:
कभी-कभार प्रोसेस्ड फूड्स और शराब लेना ठीक है, लेकिन यह समझना ज़रूरी है कि ये आपके शरीर को नुकसान पहुंचा सकते हैं, खासकर जब इन्हें नियमित रूप से लिया जाए.
कैलोरी की मात्रा को संतुलित करें:
चूंकि, सामान्यतौर पर महिलाओं में मसल्स कम होते हैं, शरीर में वसा की मात्रा ज्यादा होती है और ये पुरुषों की तुलना में ऊंचाई में कम होती हैं, इसलिए उन्हें शरीर का सही वजन और एक्टिविटी के स्तर को बनाए रखने के लिए कम कैलोरी की आवश्यकता हो सकती है.
एक्टिव बने रहें:
शारीरिक रूप से सक्रिय रहना और एक्सरसाइज करना ज़रूरी होता है. मांसपेशियों की ताकत, संतुलन, लचीलापन और तनाव को दूर रखने के लिए नियमित रूप से शारीरिक गतिविधि बेहद ज़रूरी है। ऐसे में सप्ताह में कम से कम 180 मिनट की एक्सरसाइज करने की सलाह दी जाती है.