छत्तीसगढ़

एफसीआई ने बनाया नियम, 22-23 का धान उठाव करने वाले मिलरों को चावल जमा करना होगा

वर्ष 22-23 में उठाए गए धान का करीब 32 हजार क्विंटल चावल अभी भी जमा किया जाना बाकी है।

AINS NEWS 24×7 ……छग में कस्टम मिलिंग में रिकॉर्ड कायम हो गया है। राइस मिलरों ने 22-23 में उठाए धान का चावल 23-24 की धान खरीदी तक भी जमा नहीं किया। मिलर्स एसोसिएशन के अनुरोध पर केंद्र सरकार ने एक बार फिर से 31 दिसंबर तक मोहलत बढ़ा दी है लेकिन एक शर्त रख दी। मिलरों से कहा गया है कि जब तक पुराना चावल जमा नहीं होगा, तब तक नए सीजन का एक लॉट भी नहीं लिया जाएगा।

सरकारी धान को उठाकर गबन करने वाले मिलरों को खुली छूट दी जा रही है।
वहीं जो समय पर चावल जमा कर रहे हैं, वो भी नुकसान उठा रहे हैं। वर्ष 22-23 में उठाए गए धान का करीब 32 हजार क्विंटल चावल अभी भी जमा किया जाना बाकी है। 30 नवंबर तक जमा नहीं करने पर मार्कफेड को एक दिसंबर से कार्रवाई करनी थी लेकिन राईस मिलरों को बचा लिया गया। चुनाव की आड़ में बीजी इनकैश करने की प्रक्रिया को 14 दिन तक रोक दिया गया। एफसीआई में करीब 23 हजार क्विं. और नान में करीब एक हजार क्विं. चावल जमा करना बाकी है। नौ राइस मिलरों को चावल जमा करना है लेकिन इन पर कोई कार्रवाई क्या जांच तक नहीं हुई।इस तरह की गड़बड़ी करने वाले मिलरों की संख्या साल दर साल बढ़ती जा रही है। इन मिलरों ने चावल जमा करने के लिए और मोहलत मांगी क्योंकि इनके पास धान था ही नहीं। जो धान मिला, उसको बेच दिया गया। हालांकि इस बार भी मिलरों को राहत मिल गई है लेकिन इसके लिए शर्त रखी गई है। खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्रालय ने गुरुवार को आदेश जारी कर 22-23 के चावल को जमा करने की मोहलत 31 दिसंबर तक बढ़ा दी। इसके साथ शर्त रखी गई है कि जब तक 22-23 का चावल जमा नहीं होगा, 23-24 का चावल नहीं लिया जाएगा। यह सारे मिलरों पर लागू कर दिया गया है।कुछ मिलरों के कारण सभी का नुकसान
सौ राइस मिलरों में करीब 30 ऐसे हैं जो हर साल धान उठाव के बाद चावल जमा करने में बहुत देरी करते हैं। तिकड़मबाजी से कस्टम मिलिंग का काम करते हैं। इस बार भी वही मिलर फंसे हुए हैं। कुछ ने तो जैसे-तैसे चावल जमा कर दिया। अब नौ मिलर बचे हैं। एफसीआई में पहले 22-23 का चावल जमा लिया जाएगा। 31 दिसंबर तक नए सीजन का चावल नहीं लिया जा सकता। जिन मिलरों ने धान उठाव के बाद सेंट्रल पूल का चावल जमा करना शुरू कर दिया था वे भी फंस गए हैं। बार-बार मोहलत बढ़ाने की मांग करने वाले मिलर्स एसोसिएशन को इस बार सबक मिला है।

चावल रिसाइकल न हो, एज टेस्ट भी
आदेश में खास तौर से कहा गया है कि पिछले साल का टारगेट पूरा करने के लिए जो चावल जमा किया जाएगा, उसकी अच्छे से जांच होनी चाहिए। किसी भी हाल में रिसाइकल किया चावल नहीं लेना है। चावल का एज टेस्ट अनिवार्य है। दो खरीफ सीजन का चावल जमा करने में ओवरलैपिंग न हो, इसलिए शर्त रखी गई है। अब उन मिलरों की परेशानी बढ़ गई है जिनकी गाडिय़ां गुरुवार को एफसीआई गेट के सामने खड़ी थी। उनको वापस जाने कह दिया गया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button