मध्यप्रदेश

एम पी वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन ने लिखा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र

कोरोना काल के बाद से अधिमान्यता समिति की बैठक नहीं हुई है जिसके कारण अधिमान्यता के कई प्रकरण रुकें है। अतः समिति की घोषणा शीघ्र करना चाहिए।

AINS BHOPAL…एम पी वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन की भोपाल जिला इकाई की बैठक एवं यूनियन के कार्ड वितरण समारोह में शामिल एम पी वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष राधावल्लभ शारदा ने सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को लिखे पत्र में मांग की गई है कि —-
जन सम्पर्क विभाग की विभिन्न समितियों में श्रम विभाग में पंजीकृत यूनियन के सदस्यों को रखा जाना चाहिए। इस संबंध में एक पत्र मुख्यमंत्री को एक पत्र संचालक जनसंपर्क के माध्यम से मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान को भेजा गया है ।वर्तमान में जनसंपर्क विभाग मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पास है।
श्री शारदा ने कहा कि कोरोना काल के बाद से अधिमान्यता समिति की बैठक नहीं हुई है जिसके कारण अधिमान्यता के कई प्रकरण रुकें है। अतः समिति की घोषणा शीघ्र करना चाहिए।

पत्रकारों पर झूठी शिकायतें के आधार पर प्रकरण दर्ज हो रहें हैं ।

शारदा ने मुख्यमंत्री से निवेदन किया है कि जब तक पत्रकार पर दर्ज प्रकरण का न्यायालय से निर्णय नहीं आता है जब तक पत्रकार की अधिमान्यता निरस्त नहीं करना चाहिए इसी तरह अन्य सुविधाओं को भी यथावत रखना चाहिए।
उन्होंने कहा कि जब मंत्री को जेल में बंद रहते हुए सभी सुविधाएं यथावत रहती है तो फिर पत्रकारों के साथ ऐसा क्यों अतः नियमों में संशोधन किया जाना आवश्यक है।
शारदा ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि बीमा प्रीमियम की पूर्ण राशि सरकार द्वारा जमा करवाई जानी चाहिए तथा बीमारी के समय ओ पी डी पर खर्च हो रही राशि बीमा योजना में शामिल हो।
बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पुलिस मध्यप्रदेश शासन के गृह मंत्रालय के आदेश का पालन नहीं करती है पालन सुनिश्चित कराया जाय।
प्रदेश अध्यक्ष राधावल्लभ शारदा ने कहा कि यदि पुलिस विभाग राज्य सरकार के गृह विभाग के द्वारा जारी आदेश का पालन सुनिश्चित नहीं करती है तो यूनियन को मजबूरी में न्यायालय की शरण लेगा।

भोपाल के पत्रकार भवन पर एक संघ के द्वारा अनाधिकृत कब्जा किया गया था उस कब्जे को कांग्रेस शासन में मुक्त किया और भवन को धराशाही किया।नये भवन निर्माण कार्य शीघ्र शुरू किया जाना चाहिए।
नए भवन में 10 कमरे ग्रामीण अंचल से आने वाले पत्रकारों को रुपए 200 प्रतिदिन के हिसाब से देने की मांग पूर्व में की गई है।
श्री शारदा ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मांग करते हुए कहा कि पत्रकार सुरक्षा कानून शीघ्र बनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि गृह विभाग द्वारा जारी आदेश का पालन पुलिस द्वारा करना सुनिश्चित किया जाए।
श्री शारदा ने सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि हम सब को एकजुट होने की आवश्यकता है।
बैठक में प्रांतीय कानूनी सलाहकार श्री अरुण शर्मा ने बताया कि यूनियन के माध्यम से बहुत से पत्रकारों की वेतन संबंधी लड़ाई श्रम विभाग में लड़ी जा रही है।

आज की बैठक में प्रांतीय सचिव किशोर सिंह, जिला अध्यक्ष डॉ राखी बाला, प्रांतीय कोषाध्यक्ष रेणु नत्थानी,सोनू चोबे,प्रणव भार्गव,रमन सिंह, संकेत कुमार, मीना सिंह, राजेश कुमार, सहित अन्य सदस्य उपस्थित थे।
एम पी वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन एकजुट होकर रहने में सफलता मिलती है।हम संख्या में कम है परन्तु हमारी यूनियन में पत्रकार जुड़े हैं। आज प्रदेश के लगभग सभी जिलों में एम पी वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन की जिला इकाई कार्यरत हैं। यूनियन में अनुशासन, बड़ों का सम्मान, प्रांतीय कार्यालय से प्राप्त आदेश का पालन सुनिश्चित किया जाता है।
एम पी वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन का स्पष्ट मानना है कि हमारे सदस्य प्रेस क्लब के आयोजन में शामिल हो सकते हैं परन्तु अन्य किसी भी संगठन में शामिल नहीं हो सकतें हैं और यदि होते हैं तो फिर उनकी सदस्यता समाप्त कर दी जाती है।
मध्यप्रदेश सरकार के जनसंपर्क विभाग द्वारा कुछ दिन पहले एक अच्छा नियम लागू किया गया है कि समाचार पत्र के नियत समय पर प्रकाशन के बाद समय सीमा में जनसंपर्क विभाग,ए डी एम एवं केंद्र सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के स्थानीय कार्यालय में जमा कराना होगा।
यह कोई नया नियम नहीं है। नियम बहुत पुराने हैं। केंद्र सरकार के पंजीयक समाचार पत्र के द्वारा समाचार पत्र का नाम आने के बाद समाचार पत्र का प्रकाशन तीन माह के अंदर करना आवश्यक है ।

 

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