केन्द्रीय सेंसर बोर्ड के तर्ज पर हरिद्वार में धर्म सेंसर बोर्ड का गठन किया गया, नाम दिया है ‘धर्म-शोधन-सेवालय’
स्वामी अवि मुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी ने बताया है कि 15 जनवरी 2023 को वे दिल्ली में धर्म सेंसर कार्यालय की भी शुरुआत कर दी जाएगी।
AINS DESK…भारतीय फिल्मों की समीक्षा कर उसे सर्टिफिकेशन देने वाले केन्द्रीय सेंसर बोर्ड के तर्ज पर हरिद्वार में धर्म सेंसर बोर्ड का गठन किया गया है।
फिल्म, टीवी सीरियल और वेब सीरिज में दिखाए गए कुछ घटिया कंटेन्ट से धर्म का उपहास उड़ाने, उसे गलत अर्थों में लोगों के समक्ष प्रस्तुत करने को लेकर देव भूमि हरिद्वार में स्वामी अवि मुक्तेश्वरानंद के नेतृत्व में एक ‘धर्म सेंसर बोर्ड’ का गठन किया गया। जिसको ‘धर्म-शोधन-सेवालय’ का नाम दिया है। इसको लेकर उन्होंने हाल ही एक इंटरव्यू में भी ऐलान किया था।
धर्म सेंसर बोर्ड को लेकर स्वामी अवि मुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी ने बताया है कि 15 जनवरी 2023 को वे दिल्ली में धर्म सेंसर कार्यालय की भी शुरुआत कर दी जाएगी। साथ ही 19 जनवरी 2023 को धर्म नगरी प्रयागराज के माघ मेले में धर्म सेंसर बोर्ड की मूल गाइडलाइन जारी कर दी जाएगी। इस बोर्ड में विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े हस्तियों को इसमें शामिल भी किया गया है। वर्तमान में स्वामी अवि मुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी को इस बोर्ड का संरक्षक बनाया गया है।
आपको बताते चलें कि स्वामी अवि मुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी हाल ही में एक बयान जारी कर बताया था कि धर्म संसद बोर्ड का काम फिल्म सेंसर बोर्ड के कार्यों में सहयोग करना है। उन्होंने यह भी बताया कि धर्म सेंसर बोर्ड केवल सनातन संस्कृति और हिन्दू धर्म के ही मामलों को नहीं, बल्कि अन्य तमाम धार्मिक मामलों में भी अपनी राय सेंसर बोर्ड को देने वाला है।
वहीं स्वामी अवि मुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी ने बताया कि धर्म-शोधन-सेवालय का केंद्रीय कार्यालय दिल्ली एनसीआर और राज्य स्तरीय कार्यालय देश के सभी प्रदेशों में होगा। उन्होंने आगे कहा कि फिल्म सेंसर बोर्ड अपनी भूमिका सही तरह से निभाने में असफल रहा है। वहीं शनिवार (07 जनवरी 2023) सुबह कनखल स्थित शंकराचार्य मठ में पत्रकारों से बातचीत करते हुए स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने धर्म सेंसर बोर्ड के जरिये फिल्म सेंसर बोर्ड को चुनौती देने के आरोपों से इन्कार किया।
गौरतलब है कि शाहरुख खान और जॉन अब्राहम की आने वाली फिल्म पठान के एक गाने बेशर्म रंग में अभिनेत्री के भगवे रंग की बिकीनी से हिन्दू संगठनों को बेहद नाराजगी हुई। उन्होंने देश भर कई जगहों पर शाहरुख खान के पुतले जलाकर इसका विरोध भी किया। इस धर्म सेंसर बोर्ड के घटित हो जाने से लोगों का मानना है कि अब हिन्दू धर्म, सनातन आस्था और भगवे का अपमान नहीं किया जाएगा।