छत्तीसगढ़

कलाकारी में गुजार दी ताउम्र, 95 बरस के बाद भी नहीं मिला राज्य अलंकरण, वह नाम है शिवकुमार दीपक

पहली हिंदी फिल्म हल और बंदूक में अभिनय किया है साथ ही कही देबे संदेश में भी अपनी अदाकारी की छाप छोड़ी

ains news…जी हां शिव कुमार दीपक एक ऐसे पुराने कलाकार हैं जिन्होंने छत्तीसगढ़ की पहली हिंदी फिल्म हल और बंदूक में अभिनय किया है साथ ही कही देबे संदेश में भी अपनी अदाकारी की छाप छोड़ी है। इसके साथ न जाने कितनी छत्तीसगढ़ी फिल्में और नाटकों में अपने अभिनय से लोगों को हंसाया है।

आज शिव कुमार दीपक 95 बरस के हो गए हैं उन्हें सहारे की जरूरत भी है लेकिन कमी तब खलती है जब किसी कलाकार ने अपनी सारी जिंदगी कला क्षेत्र में झोंक दी बावजूद इसके उसे पद्मश्री तो दूर राज्य अलंकरण भी नहीं मिला। कई बार पद्मश्री और राज्य अलंकरण के लिए शिव कुमार दीपक जी का नाम आगे किया भी गया लेकिन उस सम्मान के हकदार वे बन बैठे जिन्होंने अपनी सेटिंग जमा ली। इन दिनों पद्मश्री पंडवानी गायिका तीजन बाई का भी स्वास्थ्य खराब चल रहा है, जब उनके स्वास्थ्य की खबरें सोशल मीडिया पर वायरल हुई तो सांसद विजय बघेल और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उन्हें स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराई।

शिव कुमार दीपक एक बहुत ही उम्दा हास्य कलाकार हैं, उनकी कलाकारी के सम्मान और उनके पहचान और अस्तित्व को बचाने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार से कुछ कलाकारों ने आग्रह किया है कि उन्हें राज्य अलंकरण सम्मान से नवाजा जाए, अब देखना यह है कि छत्तीसगढ़ सरकार अपनी कृपा दृष्टि इस कलाकार पर कब बनाती है।

 

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