छत्तीसगढ़

पिछले 4 सालों से कस्टम मिलिंग की राशि का भुगतान नहीं होने का मुद्दा, विभाग के अधिकारी लगातार राइस मिलरों को चक्कर कटवा रहे

28 जिलों से लगभग 1500 से ज्यादा राइस मिल संचालक राजधानी रायपुर पहुंचे थे

AINS NEWS…बैठक में सभी मिलर्स ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पिछली सरकार की कस्टम मिलिंग की दर जो महज़ 40 रुपए थी उसे बढ़ाकर 120 रुपए किए हैं। इस बढ़त से सभी मिलों को राहत मिली है।” मिलरों ने यह भी कहा कि “मुखिया ने समय-समय पर मिलरों के साथ चर्चा कर उनकी दिक्कतों को भी दूर किया है। इसके लिए आज हम सभी ने उनका धन्यवाद ज्ञापित किया है।”

जहां मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा कस्टम मिलिंग की कीमत को 40 रूपए से बढ़कर 120 रूपए किए जाने पर धन्यवाद ज्ञापित किया गया। वही राइस मिल के विभिन्न दिक्कतों को भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के द्वारा दूर किए जाने को लेकर सुबे के तमाम मिलरों ने उनका आभार जताया है।

चार सालों से नहीं हुआ मिलिंग का भुगतान

इस बैठक में मिलरों ने पिछले 4 सालों से कस्टम मिलिंग की राशि का भुगतान नहीं होने का मुद्दा भी उठाया। बैठक में राइस मिल के संचालकों ने कहा कि बीतें 4 सालों में कस्टम मिलिंग के भुगतान नहीं हुआ है। भुगतान के लिए संबंधित विभाग के अधिकारी लगातार राइस मिलरों को चक्कर कटवा रहे हैं। अधिकांश मिलरों ने बताया कि दस्तावेजों और कागज़ी कार्यवाही के नाम पर अधिकारी किसी न किसी तरह दफ्तरों के चक्कर कटवा रहे हैं। जबकि सारी प्रक्रिया मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा अनुरूप ऑनलाइन कर दी गई है। बावजूद उसके अफसर भुगतान नहीं कर रहे हैं।

सीएम से मिलने पहुंचे मिलर, सौंपा ज्ञापन

कस्टम मिलिंग ही नहीं बल्कि एफआरके राइस का भी भुगतान पिछले दो सालों से अब तक नहीं हो पाया है। मिलिंग का पेमेंट नहीं होने की वज़ह से आलम यह है कि राइस मिल संचालकों के पास अब बिजली का बिल और लेबर पेमेंट करने तक के पैसों की किल्लत हो रही है। ऐसी स्थिति में आगामी धान खरीदी के बाद कस्टम मिलिंग मिलरों के सामने एक बड़ी चुनौती के रूप में दिखाई पड़ रही है।

इधर बैठक के बाद प्रदेशभर से पहुंचे तमाम मिलरों ने मुख्यमंत्री निवास पहुंचकर कस्टम मिलिंग भुगतान की रकम को बढ़ाने के लिए आभार जताना चाहा मगर स्वास्थ्य खराब होने की वज़ह से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से उनकी मुलाकात नहीं हो पाई। मुखिया के निज सचिव को सीएम के नाम ज्ञापन सौपा गया।

निष्क्रिय है एसोसिएशन, बनेगी समिति

बैठक में सभी मिलरों ने राइस मिलर्स एसोसिएशन की निष्क्रियता पर सवाल उठाए। मिलरों ने कहा कि सरकार उनके बीच एसोशिएशन के पदाधिकारियों को एक पुल की तरह काम करना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हो प् रहा है। इस वज़ह से सभी ने सर्वसम्मति से एक एक समिति बनाकर मिलरों के हित में तमाम तरह के निर्णय लेने और आगामी कार्यों को संपादित करने का फैसला किया है।

इस बैठक में मोहम्मद शब्बीर मेमन, योगेश अग्रवाल, दिलावर भाई, शरीफ भाई, कमल गुप्ता, आशीष असरानी, संजय गर्ग, लकी शर्मा, विजय शर्मा, सुनील, बसंत पारेख, सतीश अग्रवाल, शिव कुमार अग्रवाल, प्रशांत अग्रवाल, मुरली अग्रवाल, आकाश कटारिया, प्रियंक वैष्णव, चंद्रेश जैन, विजय राठी, दीपक उपाध्याय, राहुल अग्रवाल, राहुल जैन, राजेन्द्र झंवर, शुभम अग्रवाल, अनिल चंद्राकर, अजय अग्रवाल, टीनू अग्रवाल, घनश्याम अग्रवाल, गिरधारी अग्रवाल, सुमित अग्रवाल, दिलीप अग्रवाल समेत बड़ी संख्या में राइस मिल संचालक उपस्थित थे।

 

 

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