मेरठ. बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स में अन्नू रानी ने इतिहास रचते हुए जैवलिन इवेंट में ब्रॉन्ज मेडल जीत लिया. वह जैवलिन इवेंट में मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला प्लेयर हैं. उनके पदक जीतते ही भारत के कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में 47 पदक हो गए हैं. मेरठ से सटे सरधना क्षेत्र के बहादरपुर गांव निवासी अन्नू रानी ने बर्मिंघम में चल रहे कॉमनवेल्थ गेम्स में जैवलिन थ्रो में कांस्य पदक भारत की झोली में डाल दिया है
अन्नू रानी के ब्रॉन्ज जीतते ही उनके परिवार और गांव में खुशी का माहौल है. अन्नू रानी ने महिलाओं की जैवलिन थ्रो प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीत लिया है. उनका सबसे बेहतरीन प्रयास 60 मीटर का रहा. वहीं, ऑस्ट्रेलिया की केल्सी ने 64 मीटर की दूरी के साथ स्वर्ण पदक अपने नाम किया. बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स में एथलीट अन्नू रानी से भाला फेंक प्रतियोगिता में देश को गोल्ड की उम्मीद थी, लेकिन उन्हें कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा. बता दें कि चोटिल होने की वजह से नीरज चोपड़ा प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं लिया था. ऐसे में पदक का पूरा दारोमदार मेरठ की बेटी अन्नू रानी पर था.
अन्नू रानी का अपने खेत की चकरोड़ से बर्मिंघम तक पहुंचने का सफर बेहद दिलचस्प रहा है. भाला फेंक प्रतिस्पर्धा की खिलाड़ी अन्नू ने केरल में आयोजित 25वें नेशनल फेडरेशन कप सीनियर एथलेटिक्स प्रतियोगिता में 61.15 मीटर के साथ स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाकर एशियन गेम्स व कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए भी जगह पक्की कर ली थी. सरधना के बहादरपुर गांव निवासी अन्नू रानी ने गांव की चकरोड़ से अभ्यास कर अंतरराष्ट्रीय स्तर तक परचम लहराया है. 2022 टोक्यो ओलंपिक में स्वास्थ्य खराब होने के कारण अन्नू पदक जीतने से चूक गईं थीं. लेकिन बर्मिंघम में उन्होंने पदक की चाहत को पूरा कर दिखाया