
नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी ( Prime Minister Narendra Modi) ने शुक्रवार को अहमदाबाद में भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र (IN-SPACe) के मुख्यालय का उद्घाटन किया. इस दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी शामिल हुए. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इन-स्पेस एक नोडल एजेंसी होगी, जो अंतरिक्ष गतिविधियों और गैर-सरकारी निजी संस्थाओं को अंतरिक्ष से जुड़ी सुविधाओं के विभाग के उपयोग की अनुमति देगी. इसका उद्देश्य अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए अधिक से अधिक निजी भागीदारी को तय करना होगा.
विशेषकर वैज्ञानिक कम्युनिटी
इस दौरान पीएम मोदी ने कहा, आज 21वीं सदी के आधुनिक भारत की विकास यात्रा में एक शानदार अध्याय जुड़ा है. Indian National Space Promotion & Authorization Center यानी IN-Space के हेडक्वॉर्टर के लिए सभी देशवासियों को और विशेषकर वैज्ञानिक कम्युनिटी को मैं बहुत-बहुत बधाई देता हूं. IN-SPACe भारत के बेस्ट माइंड को अपना टैलेंट दिखाने का मौका देगा.
चाहे वो सरकार में काम कर रहे हों या प्राइवेट सेक्टर में, IN-SPACe सभी के लिए बेहतरीन अवसर बनाएगा. IN-SPACe में भारत की स्पेस इंडस्ट्री में क्रांति लाने की क्षमता है. इसलिए मैं यही कहूंगा- ‘Watch this space’
प्राइवेट इंडस्ट्रीज को भी मिलेगा सपोर्ट
पीएम मोदी ने कहा, SPACe सेक्टर में रिफॉर्म करके, उसे सारी बंदिशों से आजाद करके IN-SPACe के माध्यम से प्राइवेट इंडस्ट्रीज को भी सपोर्ट करके देश आज विनर्स बनाने का अभियान शुरू कर रहा है. आज प्राइवेट सेक्टर सिर्फ वेंडर बनकर नहीं रहेगा, बल्कि स्पेस सेक्टर में बिग विनर्स की भूमिका निभाएगा. हमारी सरकार भारत के युवाओं के सामने से हर अवरोध हटा रही है, लगातार रिफॉर्म कर रही है.
डिफेंस सेक्टर को प्राइवेट इंडस्ट्री के लिए खोल देना, आधुनिक ड्रोन पॉलिसी बनाना, जियो स्पेशल डेटा गाइडलाइन बनानी हो, सरकार हर दिशा में काम कर रही है. हमारी कोशिश है कि हम भारत के प्राइवेट सेक्टर के लिए ज्यादा से ज्यादा ऐस आफ डुइिंग बिजनेस का माहौल बनाएं, ताकि देश का प्राइवेट सेक्टर, देशवासियों की Ease of Living में उतनी ही मदद करें. मुझे गर्व है कि हमारे प्राइवेट इंडस्ट्री के साथियों ने लॉन्च व्हीकल, सैटेलाइट, ग्राउंड सेंगमेंट और स्पेस एप्लीकेशन के क्षेत्रों में तेजी से काम शुरू कर दिया है.
पीएम ने कहा, PSLV रॉकेट के निर्माण के लिए भी भारत के प्राइवेट प्लेयर्स आगे आए हैं. इतना ही नहीं कईं प्राइवेट कंपनियों ने तो अपने खुद के रॉकेट की डिजाइन भी तैयार कर ली है. ये भारत के स्पेस सेक्टर की असीमित संभावनाओं की एक झलक है. इसके लिए मैं अपने वैज्ञानिकों, उद्यमियों, युवा उद्यमियों और सभी देशवासियों को हार्दिक बधाई देता हूं.
आत्मनिर्भर भारत की सबसे बड़ी पहचान
भारत का अंतरिक्ष अभियान एक तरह से आत्मनिर्भर भारत की सबसे बड़ी पहचान रहा है. अब जब इस अभियान को भारत के प्राइवेट सेक्टर की ताकत मिलेगी, तो उसकी शक्ति कितनी ज्यादा बढ़ जाएगी आप इसका अंदाजा लगा सकते हैं. 21वीं सदी में स्पेस-टेक एक बड़े रेवोल्युशन का आधार बनने वाला है. स्पेस-टेक अब केवल दूर स्पेस की नहीं, बल्कि हमारे पर्सनल स्पेस की टेक्नोलॉजी बनने जा रही है.
हमारे देश में अनंत संभावनाएं हैं, लेकिन अनंत संभावनाएं कभी भी सीमित प्रयासों से साकार नहीं हो सकतीं. मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि स्पेस सेक्टर में रिफॉर्म का ये सिलसिला आगे भी अनवरत जारी रहेगा.