छत्तीसगढ़

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग नई दिल्ली की बेंच द्वारा माकड़ी में बाल अधिकार सम्बन्धी मामलों पर की गयी सुनवाई

सुनवाई में 132 प्रकरणों के निराकरण सहित विभिन्न योजनाओं से ग्रामीणों को किया गया लाभान्वित

AINS NEWS के.शशिधरण कोण्डागांव…राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग नई दिल्ली की सदस्य श्रीमती प्रीति भारद्वाज दलाल द्वारा जिले के आकांक्षी ब्लॉक माकड़ी में बाल अधिकार सम्बन्धी प्रकरणों की सुनवाई की गयी। इस दौरान छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य अगस्टिन बनार्ड एवं जनपद पंचायत माकड़ी के जनपद अध्यक्ष श्रीमती मोतीबाई नेताम और क्षेत्र के अन्य जनप्रतिनिधी विशेष रूप से उपस्थित थे। आयोग द्वारा इस दौरान प्राप्त प्रकरणों पर सुनवाई कर 132 प्रकरणों का निराकरण किया गया। इस मौके पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य श्रीमती प्रीति भारद्वाज दलाल तथा छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य श्री अगस्टिन बनार्ड ने विभिन्न विभागों द्वारा लगाये गये स्टॉल का अवलोकन किया। वहीं स्वास्थ्य जांच शिविर, दिव्यांगजन चिकित्सा परीक्षण शिविर, आयुष्मान कार्ड पंजीयन शिविर से लाभान्वित हितग्राहियों से चर्चा कर उन्हें शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ लेने प्रोत्साहित किया। इस अवसर पर संयुक्त कलेक्टर दिनेश कुमार नाग और जिला प्रशासन के विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा शिक्षा,स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास विभाग, पंचायत एवं समाज कल्याण,श्रम विभाग,बाल विकास सेवाएं, मिशन वात्सल्य बाल संरक्षण सेवाएं, आदिवासी विकास विभाग से संबंधित प्रकरणों पर सुनवाई कर निराकरण हेतु आवश्यक कार्यवाही की गयी। इस सुनवाई का आयोजन चिन्हित आवश्यकता वाले बच्चों को शासन की जनहितकारी योजनाओं से लाभान्वित कर समाज की मुख्यधारा में जोड़ने और बाल अधिकारों के संरक्षण सम्बन्धी संबंधी मामलों, शिकायतों की जांच एवं सुनवाई कर निराकरण के उद्देश्य से किया गया।

इस दौरान जिला प्रशासन द्वारा राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत बच्चों का स्वास्थ्य शिविर,स्वास्थ्य जांच शिविर, दिव्यांगजन चिकित्सा परीक्षण शिविर,आयुष्मान कार्ड पंजीयन शिविर एवं आधार कार्ड पंजीयन शिविर में ग्रामीणों को लाभान्वित किया गया। जिसके तहत 6 दिव्यांग बच्चों को सहायक उपकरण प्रदान करने सहित 56 बच्चों का आधार कार्ड पंजीयन किया गया। वहीं 15 दिव्यांगजनों का चिकित्सा परीक्षण कर 11 दिव्यांगजनों को दिव्यांगजन प्रमाण पत्र प्रदान किया गया। इसके साथ ही 10 ग्रामीणों का श्रमिक पंजीयन तथा 34 ग्रामीणों का आयुष्मान कार्ड पंजीयन किया गया। इसके साथ ही अन्य ग्रामीणों का आधार कार्ड पंजीयन करने सहित बैंक खाता खोलने की प्रक्रिया पूरी की गयी। वहीं महिला एवं बाल विकास विभाग,आदिवासी विकास विभाग, समाजकल्याण विभाग, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के स्टॉल में विभागीय योजनाओं की जानकारी देकर ग्रामीणों को लाभान्वित किया गया।

ज्ञातव्य है कि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग भारत सरकार की वैधानिक निकाय है। आयोग का गठन बाल अधिकार संरक्षण आयोग अधिनियम 2005 के अंतर्गत मार्च 2007 में किया गया है। आयोग का मुख्य उद्देश्य सभी बच्चों को बाल अधिकार संरक्षण अधिनियम 2005 एवं संविधान मे निहित तथा अन्य अधिनियमों के प्रावधानों के अंतर्गत बच्चों को सक्षम बनाना है।

 

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