छत्तीसगढ़

मुरूम घोटाला के सूत्रधारों के ही उपस्थिति में आरंभ हुई जांच, बडेराजपुर जनपद पंचायत

ग्रामीणों से बातचीत कर उनका कथन बयान लिया गया

AINS NEWS केशकाल…  बडेराजपुर जनपद पंचायत में सुर्खियों में रहने वाले चर्चित ” मुरूम घोटाला “की जांच के लिए पंहुचे उसी उपयंत्री एवं सचिव के मंशानुरूप ग्राम पंचायत बालेंगा से जांच आरंभ किया और एक ही पंचायत के मार्गों की स्थिति का अवलोकन कर फिर आने की बात कह निकल गये । सूक्ष्म निष्पक्ष जांच की आवाज उठाने उपस्थित क्षेत्रवासियों ने बड़े राजपुर जनपद में लम्बे समय से पदस्थ एवं मार्ग उन्नयन के नाम पर हुए गड़बड़ी के मुख्य सूत्रधार रहे उपयंत्री और मामले में संलिप्त सचिव के ही मंशानुरूप जांच किए जाने पर आपत्ति जाहिर करते जांच सही ढंग से न हो पाने की आशंका जाहिर किया और जांच दल प्रमुख डिप्टी कमिश्नर को लिखीत पत्र भी प्रदान किया ।
उल्लेखनीय है कि वित्त वर्ष 2020-21 में राज्य सरकार द्वारा अधोसंरचना विकास एवं पर्यावरण उपकर से मार्ग उन्नयन हेतु बड़े राजपुर जनपद पंचायत के 10ग्राम पंचायत को दस करोड़ 62लाख 56हजार रूपया ग्राम पंचायतों को प्रदान किया गया था । उक्त धनराशि से जिस तरह से आनन फानन में स्वीकृत कार्य पंचायत क्षेत्र के बाहर के लोगों के देखरेख में आनन फानन में कराया गया और स्वीकृत धनराशि का आहरंण भुगतान सामान्य प्रक्रिया से हटकर किया कराया गया उसके चलते ही हुआ मार्ग उन्नयन कार्य ” मुरूम घोटाला कांड ” के तौर पर चर्चित हो गया ।
जिसकी लिखीत शिकायत बस्तर संभाग के कमिश्नर को हुआ । प्राप्त शिकायत पर बस्तर कमिश्नर ने जांच का जिम्मा डिप्टी कमिश्नर को सौंपते हुए आदेश जारी किया था ।
बस्तर कमिश्नर के आदेश के परिपालन में डिप्टी कमिश्नर ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग के अधीक्षंण यंत्री कार्यपालन अभियंता के साथ 7 जून को जनपद पंचायत मुख्यालय में पंहुचे और कुछ देर तक कार्यों से संबंधित दस्तावेजों का अवलोकन करके स्थल निरीक्षंण के लिए ग्राम बालेंगा के लिए निकले ।
जांच दल के आगे आगे उपयंत्री बंजारे एवं बालेंगा पंचायत सचिव बाईक पर निकले ।
बालेंगा पंहुचकर मार्ग उन्नयन के सभी 62 कार्यों के लिए प्रति किलो मीटर18लाख 32हजार का प्राक्कलन तैयार करने वाले उपयंत्री के बताए अनुसार उनके द्वारा बनवाये गये मार्गों के निर्माण स्थलों पर पहुंचकर ग्रामीणों से बातचीत कर उनका कथन बयान लिया गया।


उपयंत्री एवं सचिव के द्वारा ही मार्गों की लम्बाई गहराई माप कर करके जांच अधिकारियों को दर्ज कराते रहे।
ज्ञात हो कि बहुचर्चित मुरूम घोटाला का जांच आरंभ होने की खबर क्षेत्र के लोग तथा भाजपा के ग्रामीण कार्यकर्ता बड़ी संख्या में पहले जनपद कार्यालय पंहुच गये थे और जांच टीम के बालेंगा जाने की जानकारी मिलते ही सब बालेंगा पंहुच गये और अधिकारियों को अपने मन की बात बोलते हुए सही निष्पक्ष जांच करने की मांग करते एक लिखीत पत्र भी प्रदान किया जिस पर जांच दल प्रमुख व अन्य अधिकारी ने खास गौर नहीं किया।
मामले में संलिप्त लोगों को जांच से दूर रखते हुए जांच तक विवादास्पद उपयंत्री को अन्यत्र संलग्न अथवा स्थानांतरित करके जांच करने की मांग जांच टीम प्रमुख डिप्टी कमिश्नर से किया गया ।
मार्गो का भौतिक सत्यापन करने के साथ आहरंण भुगतान की भी सूक्ष्म जांच की मांग उठी
शिकायत पर प्रारंभ हुई जांच कार्य होने के दो वर्ष बाद बरसात बाद होने से गड़बड़ी में संलिप्त लोगों द्वारा असत्य भ्रामक जानकारी देकर अपने आपको बचाने की हरसंभव कवायद किया जा रहा है जिसको देखते हुए क्षेत्रवासियों ने जांच दल यह मांग किया है कि मार्ग का अवलोकन करने के सांथ स्वीकृत धनराशि के आहरंण भुगतान की जांच करते जिन लोगों को भुगतान करना दर्शाया गया है उनका भी कथन बयान दर्ज किया जावे और इस बात की भी जानकारी लिया जावे की काम किसके दिशा निर्देश पर किस मेट से कराया गया ।
यह मांग करने वाले क्षेत्रवासियों ने प्रतिनिधि को बताया की सभी पंचायत में मार्ग उन्नयन का काम स्थानीय सरपंच सचिव मेट से न कराकर चुनिंदा बाहर के लोगों से कराया गया और काम करने वाले ट्रैक्टर वालो जे सी बी वालों को भुगतान भी पंचायत के बाहर के लोगों द्वारा ही कराया गया था ।
अब जांच कितनी निष्पक्षता एवं पारदर्शिता से किया कराया जाता है और जांच प्रतिवेदन में क्या निष्कर्ष निकाल कर पेश किया जाता है इस पर सबकी निगाहें टिकी रहेगी।

Advertisement

 

Related Articles

Back to top button