छत्तीसगढ़

छग के पूर्व मुख्यमंत्री व विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह का जन्मदिन, बधाई देने वालों का लगा तांता

विकलांग व्यक्तियों के सशक्तिकरण के लिए 2017 में ‘राष्ट्रीय पुरस्कार’ भी मिल चुका है

डॉ. रमन सिंह के बारे में रोचक जानकारी

डॉ. रमन सिंह ने लोगों के मुफ्त इलाज के लिए ‘भारत माता चिकित्सालय’ बनावाएं है। इतना ही नहीं इन्हें क्रिकेट और वॉलीबॉल जैसे खेलों में भी दिलचस्पी है। साथ ही यह कवर्धा के यूथ क्लब के सदस्य भी है।

डॉ. रमन सिंह का राजनीतिक जीवन

2018
  • रमन सिंह ने राजनंदगांव से एक बार फिर जीर्त दर्ज की और विधायक चुने गये। लेकिन विधानसभा चुनावों में भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा। और इस हार के साथ ही रमन सिंह का पंद्रह साल का शासन समाप्‍त हो गया। मुख्‍यमंत्री की कुर्सी पर उनकी जगह कांग्रेस के भूपेश बघेल काबिज हो गये।
2013
  • डा. रमन सिंह के नेतृत्‍व में भारतीय जनता पार्टी ने शानदार जीत दर्ज की और बतौर मुख्‍यमंत्री रमन सिंह का तीसरा कार्यकाल शुरू हुआ। इस बार भी वे राजनंदगांव से जीते।
2008
  • 12.12.2008 को छत्तीसगढ़ के दूसरे मुख्यमंत्री के रूप में डॉ. सिंह ने शपथ ली। यह मुख्यमंत्री के रूप में उनका लगातार दूसरा कार्यकाल था।
2008
  • एक बार फिर से छत्तीसगढ़ विधान सभा के सदस्य के रूप में चुने गए।
2004
  • डॉ. रमन छत्तीसगढ़ विधान सभा के निर्वाचित सदस्य चुने गए।
2003
  • डॉ. सिंह ने छत्तीसगढ़ के दूसरे मुख्यमंत्री के रूप में 7.12.2003 को शपथ ली।
1999
  • 13 वीं लोकसभा के निर्वाचित सदस्य के तौर पर डॉ. रमन ने राज्य वाणिज्य और उद्योग मंत्री के रूप में 13.10.99 से 29.01.2003 तक काम किया।
1993
  • डॉ. रमन सिंह मध्यप्रदेश विधानसभा में विधायक के रूप में दुबारा से चुने गए।
1990
  • डॉ. रमन सिंह मध्यप्रदेश विधान सभा के सदस्य चुने गए।

पूर्व इतिहास

1975
  • डॉ. रमन सिंह को बीएएमएस डिग्री से सम्मानित किया गया। इन्होंने 23 साल की उम्र में कवारधा में चिकित्सा प्रैक्टिस शुरू की। यह हमेशा गरीब लोगों को मुफ्त चिकित्सा उपचार करते है।

डॉ. रमन सिंह की उपलब्धिया‍ँ

‘सलवा जुडूम’ अभियान के तहत डॉ. रमन ने नक्सली संगठनों पर प्रतिबंध लगा दिया। यहां तक छत्तीसगढ़ में इनके काम की सरहाना युनाइटेड नेशन ने भी की है, खासतौर पर वित्तीय प्रबंधन पर किए गए कामों के लिए। छत्तीसगढ़ की जनजातियों और अनुसूचित जनजातियों के बिगड़ते हालातों को भी इन्होंने भलीभांती संभाला है। 2014 में छत्तीसगढ़ को अलग-अलग भाषाओं में पर्यटन साहित्य के लिए ‘राष्ट्रीय पर्यटन पुरस्कार’ से भी सम्मानित किया जा चुका है। साथ ही साथ इनके कार्यकाल में विकलांग व्यक्तियों के सशक्तिकरण के लिए 2017 में ‘राष्ट्रीय पुरस्कार’ भी मिल चुका है।

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